प्रदेश मंत्री के काफिले पर हमला, भाजपाइयों के साथ मारपीट और गाड़ियां तोड़ी, बीच सड़क पर हुआ हंगामा

गाजियाबाद : प्रदेश मंत्री के काफिले पर हमला, भाजपाइयों के साथ मारपीट और गाड़ियां तोड़ी, बीच सड़क पर हुआ हंगामा

प्रदेश मंत्री के काफिले पर हमला, भाजपाइयों के साथ मारपीट और गाड़ियां तोड़ी, बीच सड़क पर हुआ हंगामा

Tricity Today | प्रदेश मंत्री के काफिले पर हमला

कृषि कानून के विरोध में बीते सात महीने से दिल्ली की तमाम सीमाओं समेत यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की बुधवार सुबह भाजपा समर्थकों से झड़प हो गई। जिसके बाद उनके और किसानों के बीच मारपीट हो गई। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। हंगामे की सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंची है। इस घटना में भाजपा कार्यकर्ताओं की गाडिय़ों को भी तोड़ा गया। घटना की सूचना के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह और एसएसपी अमित पाठक समेत पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। वहीं घटना की सूचना मिलते ही भाजपाईयों ने एसएसपी कार्यालय पर प्रदर्र्शन करते हुए सड़क जाम कर दिया।

भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशमंत्री अमित वाल्मीकि का स्वागत करने के लिए कार्यकर्ता बुधवार सुबह साढे 10 से 11 बजे के बीच दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर खड़े थे। आरोप है कि जैसे ही अमित बाल्मीकि काफिला जब किसानों के मंच के सामने पहुंचा तो किसानों और भाजपाइयों में नोकझोंक हो गई। भाजपा के नेताओं ने किसानों पर आरोप लगाया कि उन्होंने काले झंडे दिखाए और धारदार हथियारों से हमला किया, वहीं किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा नेताओं ने खुद ही उकसावे वाली हरकतें की और खुद ही अपनी कारें तोड़ दीं। 

भाजपा नेता और पार्षद यशपाल पहलवान ने आरोप लगाया कि हमलावर किसान नहीं बल्कि राकेश टिकैत के गुंडे थे। उनके हाथों में काले झंडे और धारदार हथियार थे। जिससे उन्होंने हमला बोला। हमले में कई कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें भी आई है। एक महिला नेत्री का तो पैर तक टूट गया। यशपाल पहलवान के हाथ में भी चोट आई। किसी की सोने की चैन तो किसी का मोबाइल लूट लिया गया। महिला नेत्रियों से अभद्रता भी की गई। 

वहीं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस घटना को भाजपा की करतूत बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना किसान आंदोलन की बदनाम करने की नियत से सोची-समझी साजिश है। इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर आंदोलन समिति के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने उकसावे वाली हरकतें कीं। वह आंदोलन मंच के पास आकर ढोल बजाने लगे। इसके बाद उन्होंने नारेबाजी भी शुरू कर दी। जिसके बाद विवाद बढ गया। वहीं गाडिय़ों को हुए नुकसान को लेकर जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुद अपनी गाडिय़ों को नुकसान पहुंचाया। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपाई मंच कब्जाना चाहते थे। इसी वजह से झगडा हुआ। साथ उन्होंने यह भी कहा कि सूबे में भाजपा की झंडा लगी गाडिय़ों को चलने नहीं दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उतार देंगे। उनको आना है तो बीजेपी छोड़ कर आ जायें। उन्?होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से आ रहे हैं। पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है।

यूपी गेट पर घमासान के बाद भाजपा नेताओं ने एसएसपी कार्यालय पर पहुंचकर किसानों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। इस दौरान भाजपाई अपने साथ बतौर किसानों की एक तलवार भी लेकर पहुंचे। जिसको लेकर उनका दावा था कि यह तलवार आंदोलन स्थल पर हुई झगड़े से वह लेकर आंए हैं। भाजपा नेताओं ने आरोपियों पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज करने की मांग की। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि अमित वाल्मीकि के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में वाल्मीकि समाज के लोग दिल्ली मेरठ हाइवे पर ऐलिवेटिड रोड के मुहाने पर खड़े थे तभी किसानों का एक जत्था हथियारों के साथ वहां आया और कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। किसानों ने वहां खड़ी गाडिय़ों पर तलवार और लाठी-डंडों से वार कर तोडफ़ोड़ की। महानगर मंत्री गुंजन शर्मा नेे कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने वाले किसानों की वेशभूषा में गुंडे है। दोषियों के खिलाफ अगर सख्त कार्रवाई नही की गई तो किसानों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। जिस तरह से तरह से किसानों ने कार्यकर्ता एवं महिला कार्र्यकर्ताओं से अभद्र भाषा का इस्तेमाल एवं मारपीट की है। वह बर्दास्त नही की जाएगी। 

किसानों ने गाड़ी में तोडफ़ोड़ की है। अगर किसान प्रदर्शन कर रहें है तो उनके पास धारदार हथियार कहां से आ गये। पार्षद यशपाल पहलवान ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर आरोप लगाया कि वह बाल्मीकि समाज की प्रगति से चिढते हैं। अगर ऐसा ना होता तो एक बाल्मीकि नेता के बड़े पद मिलने पर उनके स्वागत कार्यक्रम में ऐसे खलल ना डाला जाता। घटना की शिकायत पुलिस व प्रशासन से कर दी है। अगर मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन स्थल पर कूड़ा डाला जाएगा। इसके अलावा जनपद ही नहीं पूरे सूबे की सफाई व्यवस्था को ठप्प कर दिया जाएगा। गाजीपुर बार्डर पर आंदोलनकारी किसानों एवं बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच हुए टकराव की घटना को स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने बेहद शर्म नाक एवं अराजकता पूर्ण बताया है। उन्होंने बताया कि डीएम एवं एसएसपी को स्पष्ट रूप से आदेश दिए गए है कि इस अराजकता में जो भी लोग शामिल रहे है, उन पर एक्शन लिया जाए। श्री सिंह ने कहा कि घटना के बाद ये स्पष्ट हो गया है कि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता का आंदोलन में शामिल किसानों पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है। इस घटना को लेकर जितना दुख जताया जाए वह कम है।  

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