नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान नेता अपने अपने क्षेत्रों और गांवों में जाकर स्थानीय किसानों को किसान सयुक्त मोर्चे द्वारा प्रस्तावित 6 फरवरी को चक्का जाम सफल बनाने के लिए सहयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए पंचायत और महापंचायत कर रहे हैं। नए कानूनों के विरोध में सयुक्त किसान मोर्चे द्वारा 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का ऐलान किया है। जिसको लेकर किसान नेता पूरे जोर शोर के साथ चक्का जाम को सफल करने के लिए तैयारियों में जुट गए हैं। इस कारण बुधवार को आंदोलन स्थल से किसानों की संख्या में आंशिक कमी देखी गई।
इस बीच यूपी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जींद में होने वाली महापंचायत में शामिल होने के लिए जींद रवाना हो गए। इस दौरान यूपी गेट पर मौजूद किसान नेता बिजेन्द्र सिंह ने बताया की संयुक्त किसान मोर्चे की घोषणा को लेकर तैयारी की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि 6 फरवरी की घोषणा पर आज शाम आंदोलन स्थल पर किसान नेताओं की एक बैठक का आयोजन किया है। इस बैठक में आगमी 6 फरवरी पर प्रस्तावित कार्यक्रम पर विचार विमर्श किया जाएगा। उस आधार पर पूरी रूप रेखा तैयार की जाएगी।
किसान आंदोलन के दौरान किसानों ने दिल्ली जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया है। ऐसे में किसानों द्वारा इमरजेंसी वाहनों और एम्बुलेंस के लिए फ्लाईओवर पर एक लेन को खुला रखा था। लेकिन किसानो को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की घेराबंदी के चलते पुलिस ने हाईवे को पूरी तरह सील कर दिया। इस कारण एम्बुलेंस का रास्ता भी बंद हो गया जिसके बाद आंदोलन स्थल पर बैठे किसानों ने अपने तंबुओं के बीच में से एम्बुलेंस के लिए रास्त खोल दिया है।
अब किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग से आने वाली एंबुलेंस यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए आनंद विहार होते हुए दिल्ली जाने का रास्ता खोल दिया है जिसके बाद एंबुलेंस बिना रुके मरीजों को लेकर उनके अस्पतालों तक पहुंच रही हैं। आंदोलन स्थल पर मौजूद किसानों का कहना था कि किसान अपनी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे हैं, उनका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं है। सरकार द्वारा रास्ते बंद किए जाने के बाद एंबुलेंस चालकों को काफी दिक्कत हो रही थीं जिसके चलते होने के लिए एंबुलेंस के लिए किसानों के तंबुओं के बीच से रास्ता खोल दिया गया है।