पैकेट के अंदर थूक लगाकर खाना किया पैक, आरोपी गिरफ्तार, अब होटल बंद करने की मांग

Ghaziabad News : पैकेट के अंदर थूक लगाकर खाना किया पैक, आरोपी गिरफ्तार, अब होटल बंद करने की मांग

पैकेट के अंदर थूक लगाकर खाना किया पैक, आरोपी गिरफ्तार, अब होटल बंद करने की मांग

Google Image | पैकेट के अंदर थूक लगाकर खाना किया पैक

Ghaziabad News : लोनी कोतवाली क्षेत्र के एक होटल पर काम करने वाले किशोर का बुधवार रात को खाना पैक करते हुए थूकने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ। ट्विटर पर शिकायत के बाद पुलिस की ओर से होटल कर्मी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। दर्ज कराई रिपोर्ट में लोनी कोतवाली के उपनिरीक्षक रामपाल सिंह ने बताया कि बुधवार रात को इंटरनेट मीडिया पर एक 29 सेकेंड का वीडियो प्रसारित हुआ। इसमें होटल पर काम करने वाला खाना पैक करते हुए थूकता नजर आ रहा है। 

किशोर के खिलाफ हुआ एक्शन
पुलिस ने वीडियो की जांच कराई तो पता चला कि वह लोनी के सलाम होटल का है। ट्विटर पर भी इसका वीडियो अपलोड किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस से होटल को सील कर कार्रवाई करने की मांग की गई। इसपर अन्य लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं और टिप्पणी की। उपनिरीक्षक की ओर से लोनी कोतवाली में कर्मचारी के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम में होटल पर काम करने वाले किशोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

मदीना होटल का मामला
सहायक पुलिस आयुक्त लोनी रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि वीडियो प्रसारित होने पर उपनिरीक्षक की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। किशोर को पकड़ा है। उससे जानकारी की जा रही है। वीडियो की भी जांच कराई जा रही है। वहीं, होटल मालिक का कहना है कि पैकेट के अंदर थूका नहीं जा रहा है। पैकेट को खोलने के लिए युवक ने फूंक मारी थी। किसी ने इसको थूकना दर्शा दिया। पसौंडा में पूर्व में पकड़ा गया था रोटी पर थूकने वाला 18 जनवरी को टीला मोड़ थाना क्षेत्र के पसौंडा के मदीना होटल का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। उसमें होटल कर्मा तसीरुद्दीन रोटी बनाते समय उस पर थूक रहा था। 

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
हिंदू रक्षा दल के महानगर संयोजक अनु चौधरी ने टीला मोड़ थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दूसरे दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मामले में आइपीसी की धारा 269 और 270 में केस दर्ज किया है। ये धाराएं जानबूझकर मानव जीवन के लिए संकटपूर्ण किसी रोग का संक्रमण फैलाने वाला काम और विधिपूर्वक दिए गए आदेश की अवहेलना आदि के लिए होती हैं। इनमें न्यायालय दो साल तक की जेल और जुर्माना लगा सकता है। दो साल की सजा तक की धाराएं जमानतीय होती हैं।

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