Ghaziabad News : आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) को देखते हुए राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया संपन्न करने के लिए अधिकारियों के स्थानांतरण करने के निर्देश जारी किए। आदेश के बाद गाजियाबाद में 3 वर्ष की अवधि पूरी कर चुके अधिकारियों का तबादला कर दूसरे जनपद में तैनाती दी गई है। इस दौरान जिलाधिकारी से लेकर वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों को स्थानांतरण कर दूसरे जिले में भेजा गया। गाजियाबाद में अभी भी कुछ अधिकारी मौजूद है जो वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं।
यह है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव आयोग के निर्देश का पालन करते हुए राज्य में बड़े स्तर पर अधिकारियों के तबादले किए गए। इस दौरान डीएम, एडीएम, एसडीएम सहित वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों को स्थानांतरण कर एक जनपद से दूसरे जनपद में भेजा गया। जिले में अभी भी कई अधिकारी अपने रसूख के चलते जनपद में जमे हुए हैं। इन अधिकारियों का जनपद में 3 वर्षों से अधिक का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है। मगर शासन की तरफ से ऐसे अधिकारियों के लिए कोई फरमान जारी नहीं हुआ है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में अपर सचिव पद पर पिछले 5 वर्षों से एक ही अधिकारी जमे हुए हैं।
एक विभाग में 5 साल
शासनादेश में नियम है कि एक अधिकारी का जिले में 3 वर्ष से अधिक और मंडल में 5 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूर्ण होने पर उसका स्थानांतरण दूसरे जिले और मंडल में कर दिया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में अपर सचिव पद पर बैठे अधिकारी पिछले 5 वर्षों से एक ही मंडल में एक ही जिले में और एक ही विभाग में आसन जमाए बैठे हैं। शासन की तरफ से उनके तबादले का निर्देश नहीं हुआ है। इसे देखते हुए लगता है कि इन अधिकारियों की पहुंच बहुत ऊपर तक है। जिसके जरिए वे वर्षों से एक ही कुर्सी पर जमे हुए हैं।
स्थानांतरण की शिकायत
गाजियाबाद अल्पसंख्यक मोर्चा के सलीम अहमद सैफी ने राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस मामले की शिकायत की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में पिछले पांच वर्षों से अपर सचिव के पद पर बैठे अधिकारी सीपी त्रिपाठी का शासन द्वारा तबादला नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया कि वे जिले में पिछले तीन चुनाव करा चुके हैं। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए जीडीए के अपर सचिव का तबादला कराने की मांग की है। उन्होंने अपर सचिव का तत्काल स्थानांतरण कराने की मांग करते हुए कहा है कि जिले में डीएम से लेकर कनिष्ठ और वरिष्ठ अधिकारी सभी का तबादला हो चुका है तो फिर इस पद पर बैठे अधिकारी को शासन ने क्यों छोड़ दिया?