Ghaziabad News : वायु प्रदूषण से मानसिक अवसाद भी बढ़ रहा है। गाजियाबाद में इस प्रकार के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है, जो वायु प्रदूषण के कारण मानसिक अवसाद में आ चुके हैं। जिला एमएमजी सरकारी अस्पताल के सीएमएस ने बताया कि इस वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण से गर्भवती महिलाओं को भी बचना चाहिए।
वायु प्रदूषण से बचाव
गाजियाबाद की वायु लगातार जहरीली होती जा रही है। अब स्वास्थ्य विभाग की ओर से सलाह दी गई है कि बच्चे, बुजुर्ग, दिल और अस्थमा के मरीज व गर्भवती महिलाएं घर के अंदर ही रहें। सुबह और शाम की सैर पर जाना भी फिलहाल टाल दें। घर के अंदर हल्का व्यायाम करें। अगर किसी को बाहर जाना जरूरी है तो वह मास्क अवश्य लगाएं। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर राकेश कुमार ने एडवाइजरी में बताया कि वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक होता जा रहा है। यह सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि सभी अंगों को प्रभावित कर रहा है। सांस के साथ फेफड़ों में पहुंचने वाले हानिकारक तत्व खून में मिलकर दिल गुर्दे लीवर और आंत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सांस फूलने, देर तक खांसी होने, दिल की धड़कन या रक्तचाप बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अस्पताल में बढ़ रही मरीजों की संख्या
इन दिनों सांस लेने में परेशानी, उच्च रक्तचाप, त्वचा संबंधी बीमारी, सूखी खांसी की समस्या आ रही है। गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में मानसिक प्रकोष्ठ विभाग में 130 मरीज इलाज के लिए आए हैं। इनमें से 109 ऐसे थे, जो इलाज के बाद सामान्य हो चुके हैं। प्रदूषण बढ़ने के बाद फिर से उदासी बढ़ गई है। जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर मनोज चतुर्वेदी के अनुसार, अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। वहीं अस्पताल में मानसिक अवसाद के मरीज भी बढ़ रहे हैं।