कांग्रेस के बाद बसपा से भी वैश्य उम्मीदवार ! भाजपा के दावेदारों की बढ़ गई टेंशन

गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव : कांग्रेस के बाद बसपा से भी वैश्य उम्मीदवार ! भाजपा के दावेदारों की बढ़ गई टेंशन

कांग्रेस के बाद बसपा से भी वैश्य उम्मीदवार ! भाजपा के दावेदारों की बढ़ गई टेंशन

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Ghaziabad News : यूपी में विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ी हैं, इसी के साथ गाजियाबाद का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। बसपा के द्वारा घोषित प्रत्याशी डाॅ. रवि गौतम का टिकट काटे जाने से “कूल” महसूस हो रहे सियासी वातावरण में तड़का लग गया है। रवि गौतम ने टिकट काटे जाने के बाद और रुपये मांगे जाने के आरोप भी लगाए हैं। हालांकि आरोपों की पिच पर उन्होंने संभलकर बैटिंग की, लेकिन माना जा रहा है कि बसपा किसी वैश्य उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है। आजाद समाज पार्टी जाट समाज से आने वाले सत्यपाल चौधरी को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। सपा इस सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है।

बसपा वैश्य प्रत्याशी के साथ आ सकती है मैदान में
सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल के बेटे सुशांत गोयल पर दांव लगाने का मन बना चुकी है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सुशांत गोयल पर ही दांव लगाया था और कांग्रेस मात्र 11,818 वोट पर चौथे नंबर पर जा गिरी थी। उन्हें मात्र 4.8 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि भाजपा के अतुल गर्ग ने 61 प्रतिशत से अधिक मत हासिल किए थे। ऐसे में यदि डा. रवि गौतम का टिकट काटकर बसपा से वैश्य उम्मीदवारी से वैश्य मतों का बंटवारा हो जाएगा और ऐसा होने से किसकी राह आसान होगी, कहने की जरूरत नहीं है।

पहली बार उपचुनाव लड़ेगी बसपा
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बसपा ने चरम पर होते हुए भी कभी सूबे में उपचुनाव नहीं लड़ा और छह माह पूर्व लोकसभा में जीरो पर आउट हुई बसपा इस बार उप- चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि उपचुनाव में बसपा के चुनाव लड़ने से कई सीटों पर हार जीत के समीकरण बदल सकते हैं, और यही महत्वपूर्ण है। हालां‌कि 2012 के विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय सुरेश बंसल भाजपा को पटखनी देकर यह सीट बसपा की झोली में डाल दी थी।

लंबी है भाजपा में टिकट के दावेदारों की कतार
इस सीट पर बड़ी दावेदार मानी जा रही भाजपा में टिकट के दावेदारों की कतार लंबी है। लेकिन सबसे ज्यादा दावेदार इस सीट पर महत्वपूर्ण माने जाने वाले वैश्य और ब्राहमण समाज से ही हैं। यह भी लगभग तय मानिए कि कांग्रेस और बसपा से वैश्य उम्मीदवार मैदान में आने के बाद भाजपा अपने ब्राहमण दावेदारों में से ही किसी की उम्मीदवार पर विचार करेगी। भाजपा में ब्राहमण समाज से दावेदारों की बात करें तो पूर्व महानगर अध्यक्ष अजय शर्मा और वर्तमान महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नाम मुख्य हैं। वैश्य समाज से टिकट के दावेदारों में मयंक गोयल, पवन गोयल और समरकूल कंपनी के मालिक संजीव गुप्ता का भी नाम लिया जा रहा है। हालांकि पवन गोयल को पार्टी जीडीए बोर्ड मेंबर बनाकर पहले ही एडजेस्ट कर चुकी है और मयंक गोयल का उपयोग संगठन में किया जाता रहा है।  



ब्राहमण प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है भाजपा
लोकसभा चुनाव में जिले के सभी विधायकों ने सदर विधायक अतुल गर्ग के टिकट की पैरवी की थी, संगठन का भी सपोर्ट मिलने पर अतुल गर्ग उस समय के सांसद जनरल वीके सिंह का न केवल टिकट काटने में कामयाब हो गए थे बल्कि अच्छे खासे मार्जिन से चुनकर संसद में भी पहुंच गए, अब अतुल गर्ग सांसद हैं। जाहिर तौर पर लोकसभा चुनाव के टिकट के लिए की गई फी‌ल्डिंग में मददगार रहे और उप- चुनाव में टिकट के दावेदार की मदद करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी होगी। साथ ही सियायत यह भी कहती है कि वह किसी गैर वैश्य की पैरवी करें। ऐसे में उप- चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को लेकर बहुत साफ ही है।

भाजपा के लिए उपचुनाव सबसे अहम
यह उपचुनाव भाजपा के लिए सबसे अहम होगा। उसका सबसे बड़ा कारण तो यही है कि 2022 में यह सीट भाजपा को मिली थी। दूसरे प्रदेश और देश में भाजपा की सरकार है, और गाजियाबाद महत्वपूर्ण सीट है। इसका चुनाव परिणाम बड़े संदेश वाला होगा। शहर में पार्टी के एक केबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री हैं, मेयर और सांसद भी भाजपा के हैं, किसी वजह चुनाव में कोई चूक तो संदेश बहुत नेगेटिव हो जाएगा।

2022 में विधानसभा चुनाव में स्थिति
भाजपा - अतुल गर्ग - 1,50,205
सपा- रालोद - विशाल वर्मा - 44,668
बसपा - केके शुक्ला - 32691
कांग्रेस - सुशांत गोयल - 11,818

सीट के मतदाताओं के बारे में जानें
कुल मतदाता  : 457980
वैश्य             : 75 हजार
मुस्लिम          : 75 हजार
एससी           : 75 हजार
पंजाबी          : 50 हजार
पहाड़ी          : 30 हजार

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