17 बिल्डरों पर बकाया 146.20 करोड़ रुपए, वसूली करने के लिए होंगे दफ्तर सील

गौतमबुद्ध नगर प्रशासन की राह पर गाजियाबाद प्राधिकरण : 17 बिल्डरों पर बकाया 146.20 करोड़ रुपए, वसूली करने के लिए होंगे दफ्तर सील

17 बिल्डरों पर बकाया 146.20 करोड़ रुपए, वसूली करने के लिए होंगे दफ्तर सील

Google Image | गाजियाबाद प्राधिकरण (GDA)

Ghaziabad News : बिल्डरों से बकाया पैसे वसूलने के लिए अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अपने पड़ोसी जिले गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन की चाल पर चलेगा। काफी समय से बकायदार बिल्डरों को नोटिस भेजा जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी कोई पैसे जमा करने के लिए तैयार नहीं है। अब ऐसे में बकायदार बिल्डरों के दफ्तर सील किए जाएंगे। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बिल्डरों के नाक में नकेल कसने के लिए यह रणनीति तैयार की थी।

बिल्डरों ने ग्रुप हाउसिंग और अन्य भवनों के गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से नक्शा स्वीकृत कराने के बाद भी बकाया शुल्क जमा नहीं किया। ऐसे बिल्डरों पर अब जीडीए शिकंजा कसेगा। सख्ती से इनसे बकाया वसूली की जाएगी। जीडीए ने ऐसे 17 बिल्डरों की सूची तैयार की है, जिन पर जीडीए का करीब 146.20 करोड़ रुपए बकाया होने के बाद भी यह जमा नहीं कर रहे हैं। इन बिल्डरों को नोटिस देकर अब बकाया वसूली की जाएगी। 

जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि जीडीए से ग्रुप हाउसिंग और अन्य भवनों का बिल्डरों द्वारा नक्शा स्वीकृत कराने के बाद भी बकाया शुल्क जमा नहीं किया जा रहा है। ऐसे 17 बिल्डरों की सूची तैयार करने के बाद अब इनसे सख्ती से वसूली की जाएगी। ताकि शहर में विकास कार्य कराए जा सकें।

दरअसल, जीडीए सीमा क्षेत्र में बिल्डरों द्वारा ग्रुप हाउसिंग से लेकर अन्य छोटे बड़े भूखंड पर निर्माण करने से पूर्व जीडीए से नक्शा स्वीकृत अनिवार्य है। इसके तहत बिल्डर व अन्य लोगों ने गु्रप हाउसिंग और बड़े भूखंडों पर निर्माण करने के लिए प्रारंभिक शुल्क जमा कराकर मानचित्र स्वीकृत तो करा लिया। मगर नक्शा स्वीकृत होने के बाद बकाया शुल्क जमा नहीं कराया गया। जबकि मानचित्र स्वीकृत होने के बाद उसके अनुसार निर्माण भी शुरू कर दिया गया। 

जीडीए अब ऐसे बिल्डरों से लेकर अन्य बकाएदारों से वसूली करेगा। जिन्होंने नक्शा स्वीकृत कराने के बाद भी बकाया जमा नहीं कराया है। ऐसे 17 बिल्डरों को नोटिस जारी किए जाएंगे। ताकि उनसे वसूली की जा सकें। नोटिस देने के बाद भी बकाया जमा नहीं करने वाले लोगोंं पर जीडीए नियमानुसार कार्रवाई करेगा। ग्रुप हाउसिंग और बड़े भूखंड का नक्शा पास कराने वाले जीडीए के सभी आठ जोन क्षेत्र में हैं। इनमें राजनगर एक्सटेंशन से लेकर, इंदिरापुरम, नेशनल हाइवे-9 के आसपास व दिल्ली-मेरठ मार्ग आदि क्षेत्र में प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 

जीडीए का पूर्व में बिल्डरों से लेकर अन्य लोगों पर करीब 210 करोड़ रुपए बकाया था। जीडीए सचिव ने प्रवर्तन प्रभारियों के साथ समीक्षा बैठक कर वसली करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रवर्तन जोन प्रभारियों ने करीब 62.80 करोड़ रुपए की बकाएदारों से वसूली की गई, लेकिन बिल्डरों से लेकर अन्य लोगों पर अभी भी जीडीए का करीब 146.20 करोड़ रुपए बकाया है। जीडीए के सभी आठ जोन क्षेत्र में प्रवर्तन प्रभारियों को बकाएदारों से वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि बकाएदारों से जल्द वसूली की जा सकें। बकाया वसूली होने के बाद जीडीए शहर में विकास कार्य करा सकेगा।

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