छह घण्टों से दिल्ली-मेरठ के बीच यातायात ठप, ये हैं मांग

गाजियाबाद श्मशान घाट हादसा : छह घण्टों से दिल्ली-मेरठ के बीच यातायात ठप, ये हैं मांग

छह घण्टों से दिल्ली-मेरठ के बीच यातायात ठप, ये हैं मांग

Tricity Today | छह घण्टों से दिल्ली-मेरठ के बीच यातायात ठप

गाजियाबाद में रविवार को हुए श्मशान घाट हादसे ने नया रूप ले लिया है। सोमवार की दोपहर लोगों ने मुरादनगर में शव नेशनल हाईवे पर रख दिए और जाम लगा दिया। पिछले करीब 4 घंटों से दिल्ली मेरठ नेशनल हाईवे पूरी तरह जाम पड़ा हुआ है। वाहनों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। गाजियाबाद और मेरठ पुलिस ने ट्रैफिक डाइवर्ट किया है, लेकिन ट्रैफिक का बुरा हाल है। दूसरी ओर लोगों को समझाने के लिए मेरठ के आईजी और मंडलायुक्त मौके पर पहुंचे, लेकिन भीड़ ने उन्हें वापस भेज दिया। लोगों का कहना है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मरने वालों के आश्रितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि मुरादनगर कस्बे में रविवार की सुबह श्मशान घाट की इमारत भरभरा कर गिर गई थी। उस वक्त लोग वहां एक शव का अंतिम संस्कार कर रहे थे। इस हादसे की चपेट में करीब 45 लोग आए, जिनमें से 23 लोगों की मौत हो गई थी। बाकी जिंदगी और मौत के साथ अस्पताल में लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल मामले पर संज्ञान लिया। उच्चाधिकारियों को घटनास्थल पर भेजा। बचाव और राहत कार्य तेजी से चलाए गए। मुख्यमंत्री ने मृतक आश्रितों के लिए दो-दो लाख रुपये का मुआवजा घोषित किया था। 

रविवार की देर रात और सोमवार की सुबह शव परिजनों को सौंपा गए हैं। सोमवार की दोपहर तीन शवों को नेशनल हाइवे पर रखकर मुरादनगर कस्बे में भीड़ ने जाम लगा दिया। इसके बाद लोग तीन और शव लेकर पहुंचे और नेशनल हाईवे पर रख दिए। नेशनल हाईवे पिछले करीब 4 घंटों से बंद पड़ा हुआ है। गाजियाबाद और मेरठ के बीच यातायात पूरी तरह ठप है। आवाजाही बंद हो गई है। भीड़ रोष में है और सहायता राशि बढ़ाकर 20-20 लाख रुपये करने की मांग कर रही है। यह जानकारी मिलने के बाद मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार और कमिश्नर अनीता सी मेश्राम मुरादनगर कस्बे में पहुंचे। लोगों से बातचीत की, समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने उनकी एक नहीं सुनी। लोगों ने उन्हें वापस मेरठ चले जाने के लिए कहा। तब से लगातार लोग सड़क पर ही डटे हुए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक इन लोगों की 2 मांगे हैं। पहली मांग मृतक आश्रितों को 20-20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। नगर पालिका और प्रशासन के भ्रष्टाचार की वजह से यह हादसा हुआ है, जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। दूसरी ओर अभी तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। जिससे मुरादनगर और आसपास के इलाके में भारी रोष पनप रहा है। यह सूचना पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई है। आसपास के तमाम गांवों से भारी संख्या में भीड़ मुरादनगर जा रही है। हालात पर काबू रखने के लिए गाजियाबाद जिला प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी मुरादनगर में तैनात कर दी है।

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