डॉक्टर ने डिस्चार्ज कर कहा- हल्दी-घी लगाओ, ब्रजेश पाठक ने वॉर्ड बॉय को किया बर्खास्त, डॉक्टर पर उठे सवाल

गाजियाबाद : डॉक्टर ने डिस्चार्ज कर कहा- हल्दी-घी लगाओ, ब्रजेश पाठक ने वॉर्ड बॉय को किया बर्खास्त, डॉक्टर पर उठे सवाल

डॉक्टर ने डिस्चार्ज कर कहा- हल्दी-घी लगाओ, ब्रजेश पाठक ने वॉर्ड बॉय को किया बर्खास्त, डॉक्टर पर उठे सवाल

Google Image | ब्रजेश पाठक

Ghaziabad : सरकारी अस्पताल में इस तरह के हालात रोजाना देखने को मिलते हैं। यहां विभागीय आला अधिकारियों की अनदेखी और डॉक्टर्स की कमी के कारण मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके साथ ही डॉक्टर अब मंत्रियों के आदेशों को दरकिनार करने से नही चूकते है। सरकारी अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हाल ही में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जिस मरीज को बेहतर इलाज देने के लिए खुद कहा था, उस मरीज को डॉक्टरों ने उसके ठीक होने से पहले ही घर भेज दिया। डॉक्टरों ने मरीज से कहा कि घर जाओं हल्दी-घी लगाओ, ठीक हो जाओगे। इस मामले में एक वार्ड ब्वाय को तो बर्खास्त कर दिया गया मगर अभी तक असली दोषी डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नही हुई है।

डिप्टी सीएम ने मांगी माफी
पिछले 10 नवंबर को सूबे के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गाजियाबाद के दौरे पर थे। इसी दौरान डिप्टी सीएम संयुक्त जिला अस्पताल संजयनगर पहुंचे और यहां पर आग से झुलसे एक मरीज ने इलाज न मिलने और बाहर से दवा मंगाने की शिकायत की। जिस पर डिप्टी सीएम ने हाथ जोड़कर खुद उससे माफी मांगी और डॉक्टरों को मरीज का बेहतर इलाज करने को कहा। लेकिन उसके बाद भी डॉक्टरों ने उसे घर जाने को बोल दिया। जब इस मामले की शिकायत डिप्टी सीएम तक पहुुंची तो शनिवार रात डॉक्टर पर भी कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

जानिए पूरा मामला
शास्त्रीनगर निवासी पवन कुमार डेढ़ माह पूर्व गैस सिलिंडर में आग लगने से झुलस गए थे। इलाज कराने के लिए वह लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल दिल्ली में भर्ती हुए। सुधार होने पर अस्पताल के डॉक्टर ने गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल के बर्न यूनिट में पट्टी कराने की सलाह दी। पवन एमएमजी अस्पताल में इलाज कराने गए तो वहां से यह कहकर भगा दिया गया कि यहां बर्न यूनिट नहीं है, इसलिए यहां पर इलाज नहीं पाएगा। दिल्ली जाकर ही पट्टी कराओ। इसके बाद वह संयुक्त अस्पताल में पट्टी कराने गए। वहां पर ट्रॉमा सेंटर में पट्टी की गई। उस दिन अस्पताल में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का निरीक्षण भी था। डिप्टी सीएम ने डेंगू वार्ड देखा और पूरे अस्पताल में घूमकर व्यवस्थाएं परखी। इस दौरान उनका सामना पवन नाम के मरीज से हो गया। पवन ने पूरा मामला उपमुख्यमंत्री को बताया।

उसने शिकायत कर कहा कि अस्पताल में पट्टी के लिए उससे बाहर से दवाएं मंगाई जाती हैं। हर रोज बाहर से वे 700-800 रुपए की दवाएं लेकर आ रहे है। जिस पर डिप्टी सीएम ने ठीक से इलाज करने के निर्देश दिए। पीड़ित पवन कुमार ने बताया कि डिप्टी सीएम के जाने के बाद उसके बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें दवाई नही दी और कहा कि अस्पताल में दवाएं नहीं हैं तो क्या करें। घर जाकर जले हुए बदन पर हल्दी और देसी घी लगाओ।

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