गाजियाबाद के मुरादनगर कस्बे में रविवार की सुबह हुए श्मशान घाट हादसे में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। हादसे के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर बनाए हुए हैं। सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार माध्यमों से निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने जिला प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया। रविवार की रात मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार रविवार की रात मोदीनगर तहसील पहुंचे। आईजी और मंडलायुक्त के आदेश पर मोदीनगर नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
गाजियाबाद जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक मोदीनगर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान, सहायक अभियंता चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ गैर इरातदन हत्या, काम में लापरवाही बरतने और भ्रष्टाचार के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस को जयराम के पुत्र दीपक ने लिखित शिकायत दी है। आपको बता दें कि हादसे का शिकार हुए सभी लोग रविवार की सुबह जयराम का ही अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट गए थे। युवक की ओर से दी गई शिकायत में कहा गया है कि उनके पिता जयराम की शनिवार की रात मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के लिए उनके रिश्तेदार और पास पड़ोस के तमाम लोग श्मशान आए थे। जहां श्रद्धांजलि के दौरान बरामदे का लैंटर भरभराकर गिर गया। इसमें 23 लोगों की मौत हो गई है। बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं।
दीपक का आरोप है कि मुरादनगर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी और अन्य अफसरों ने ठेकेदार अजय तयगी के साथ मिलीभगत करके घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है। उन्होंने अधिकारियों को इस हादसे और 23 लोगों की मौतों का जिम्मेदार ठहराया है। दीपक ने इन सबके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि दीपक की तहरीर के अधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच शुरू कर दी गई है। मुरादनगर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।