कोतवाली से पुलिस कमिश्नरेट बनने तक का सफरनामानामा, पढ़िए ख़ास खबर

जिला गाजियाबाद : कोतवाली से पुलिस कमिश्नरेट बनने तक का सफरनामानामा, पढ़िए ख़ास खबर

कोतवाली से पुलिस कमिश्नरेट बनने तक का सफरनामानामा, पढ़िए ख़ास खबर

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

Ghaziabad : गाजियाबाद शहर का सफर बेहद उतार-चढ़ाव वाला है। गाजियाबाद उद्योग-धंधे और कारोबार के लिए पहचान रखता था। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश हुकूमत के वक्त 19वीं शताब्दी की शुरुआत में ही गाजियाबाद एक औद्योगिक नगरी की शक्ल ले चुका था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन इलाकों में सबसे पहले अंग्रेजों ने बिजली दी उनमें गाजियाबाद शामिल था। वक्त बदला और गाजियाबाद शहर गुंडे, बदमाशों, माफियाओं के लिए कुख्यात हो गया। गाजियाबाद शहर ने एक मामूली सी पुलिस कोतवाली से प्रशासनिक सफर की शुरुआत की। आज गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के सबसे बड़ी आबादी वाले शहरों में शुमार है। यहां की कानून व्यवस्था को काबू करने के लिए शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस आयुक्त प्रणाली की घोषणा की है।

गाजीउद्दीन नगर से गाजियाबाद
ऐसा माना जाता है कि इस शहर की स्थापना मुगलकाल के दौरान 1740 में वज़ीर गाज़ी-उद-दीन ने की थी। उन्होंने उसे अपने नाम पर गाज़ीउद्दीन नगर कहा था। दिल्ली हावड़ा रेलवे लाइन खुलने के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने इसका नाम छोटा करके गाजियाबाद कर दिया। तब यहां प्रशासनिक व्यवस्था के नाम पर केवल शहर कोतवाली थी।

1976 तक मेरठ की तहसील था गाजियाबाद
14 नवंबर 1976 से पहले गाजियाबाद शहर जिला मेरठ की तहसील थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने 14 नवंबर 1976 को पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर गाजियाबाद को जिला घोषित किया। जिले की सीमा दिल्ली से सटी हुई है। यह उत्तर प्रदेश का मुख्य प्रवेश द्वार है। इसीलिए इसे 'गेटवे ऑफ यूपी' भी कहा जाता है। मेरठ जिले की गाजियाबाद तहसील, लोनी और बुलंदशहर जिले के राजापुर, मुरादनगर, भोजपुर, हापुड़, धौलाना, सिंभावली, गढ़मुक्तेश्वर, दादरी, बिसरख ब्लॉक सहित 10 विकास खंडों के साथ जिला अस्तित्व में आया। गाजियाबाद, दादरी, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर इसकी पहली चार तहसीलें थीं। बाद में 30 सितंबर 1989 को मोदीनगर को तहसील का दर्जा दिया गया। 

गाजियाबाद से निकले गौतमबुद्ध नगर और हापुड़
गाजियाबाद के हिस्से नोएडा को अच्छे औद्योगिक विकास और कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए मई 1997 में गौतमबुद्ध नगर जिले में शामिल किया गया है। नतीजतन, गाजियाबाद में केवल 8 विकास खंड रह गए। गाजियाबाद जिले की दादरी तहसील को भी गौतमबुद्ध नगर जिले में शामिल कर लिया गया था। तब जिले में 4 तहसीलें गाजियाबाद, मोदीनगर, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर रह गई थीं, लेकिन 27 सितंबर, 2011 को नया जिला हापुड़ बना दिया गया। जिले का विभाजन कर दिया गया और दो तहसील गाजियाबाद और मोदीनगर रह गईं। जिले में नई तहसील लोनी 29 जनवरी 2014 को सृजित की गई। फिलहाल जिला गाजियाबाद मेरठ मंडल के छह जिलों में से एक है और उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक जिलों में से एक है।

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