हर थाने में हो महिला टॉयलेट, दिनेश गोयल ने कहा- विद्यालयों से दूर रहे नशे का सामान

गाजियाबाद के एमएलसी बोले : हर थाने में हो महिला टॉयलेट, दिनेश गोयल ने कहा- विद्यालयों से दूर रहे नशे का सामान

हर थाने में हो महिला टॉयलेट, दिनेश गोयल ने कहा- विद्यालयों से दूर रहे नशे का सामान

Google Image | MLC Dinesh Kumar Goyal

Ghaziabad News : एलएलसी दिनेश कुमार गोयल और विजय बहादुर पाठक ने विधान परिषद में अपनी आवाज बुलंद करते हुए कहा कि विद्यालयों के आसपास नशीली वस्तुओं पर प्रभावी प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्होंने थानों में महिला टॉयलेट का जरूरी मुद्दा भी उठाया। दिनेश कुमार गोयल एवं विजय बहादुर पाठक ने विधान परिषद में कहा कि सरकार मिशन शक्ति और नारी सुरक्षा को लेकर तमाम अभियान चला रही है। गांव-गांव और घर-घर में शौचालय बनाये जा रहे हैं, लेकिन थानों में महिला टॉयलेट की स्थिति अच्छी नहीं हैं, अधिकतर थानों में तो महिला टॉयलेट हैं ही नहीं।

लखनऊ के भी 24 थानों में नहीं है महिला टॉयलेट
मएलसी ने उच्च सदन में कहा कि उत्तर प्रदेश के हर थाने में महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसके अलावा फरियादियों और आरोपियों का भी थानों में आना जाना लगा रहता है लेकिन अधिकतर थानों में महिला टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है, जहां है वहां रखरखाव बेहतर नहीं है, यह बात दुखद भी है और शर्मनाक भी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत 24 पुलिस थाने ऐसे हैं जहां महिला पुलिसकर्मियों के लिए टॉयलेट नहीं है। विधान भवन के पास हजरतगंज कोतवाली तक में महिला टॉयलेट नहीं है।

खुले में जाना महिलाओं की मजबूरी
एमएलसी दिनेश कुमार गोयल ने कहा कि गोयल ने कहा कि थानों में महिला टॉयलेट न होने से महिला पुलिस कर्मियों तथा महिला वादकारियों को खुले में जाने को जाने को मजबूर होना पड़ता है। महिलाओं के लिए तमाम कार्यक्रम तब तक बेमानी हैं जब तक लोक महत्व के इस प्रश्न पर काम नहीं होगा। इस मुद्दे पर एलएलसी ने तत्काल वक्तव्य की भी मांग की।

छात्रों को नशे से बचाने के लिए उठाएं कड़े कदम
एमएलसी दिनेश कुमार गोयल एवं विजय बहादुर पाठक ने विधान परिषद में कहा कि सूबे में विद्यालयों के आस-पास सिगरेट, पान, गुटखा के विक्रय की दुकानें धड़ल्ले के साथ चल रही हैं, जो नियम है उसका भी पालन नहीं हो रहा है। सरकार आश्वास्त करे कि ऐसी सभी दुकानें विद्यालय से एक निश्चित दूरी पर रहेंगी। छात्रों को नशे से बचाने के ल‌िए सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। स्कूल परिसर के पास सड़कों के किनारे इस तरह की प्रतिबंधित दुकानें बेखौफ संचालित की जा रही हैं, जहां पर छात्रों को सिगरेट पान-मसाले लेते देखा जा सकता है।

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