110 सरकारी दफ्तरों ने नहीं चुकाया प्रोपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज, बकाया राशि जानकर चौंक जाएंगे आप

यूं ही गरीब नहीं है गाजियाबाद नगर निगम : 110 सरकारी दफ्तरों ने नहीं चुकाया प्रोपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज, बकाया राशि जानकर चौंक जाएंगे आप

110 सरकारी दफ्तरों ने नहीं चुकाया प्रोपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज, बकाया राशि जानकर चौंक जाएंगे आप

Tricity Today | Ghaziabad Municipal Corporation

Ghaziabad News : गाजियाबाद नगर निगम हजार, दो हजार का बकाया वसूलने के लिए प्रचार- प्रसार और रिमाइंडर भेजने पर भले लाखों खर्च कर रहा हो, लेकिन मोटे बकाएदारों के खिलाफ कुछ नहीं कर पा रहा। अब आप सोच रहे होंगे कि हम मॉल- मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग कांपलेक्सेस पर बकाए की बात कर रहे हैं, लेकिन वह तो कुछ भी नहीं है। नगर निगम का मोटा बकाया सरकारी विभागों पर है। नगर निगम के टैक्स विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी विभागों पर प्रोपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज के 314 करोड़ रुपये बकाया हैं। यह राशि नगर निगम क्षेत्र के 110 सरकारी दफ्तरों की है।

बकाएदारों में 41 दफ्तर केंद्र सरकार के हैं
गाजियाबाद नगर निगम के बकायेदारों में शामिल 110 दफ्तरों में 41 दफ्तर केंद्र सरकार के और 69 दफ्तर राज्य सरकार के हैं। इन दफ्तरों को नगर निगम प्रोपर्टी टैक्स और यूजर चार्ज के बकाये के लिए नोटिस तो भेजता है लेकिन नोटिस भेजे जाने से उनके कान पर जूं नहीं रेंगती और इसके आगे नगर निगम कुछ नहीं कर पाता। नगर निगम का राजस्व बढ़ाने के प्रयास में जुटीं मेयर सुनीता दयाल और नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सरकारी विभागों से अपने बकाए की वसूली कर नगर निगम मालामाल हो सकता है।

बड़े बकाएदारों में विद्युत निगम नंबर वन
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डा. संजीव सिन्हा ने बताया कि सभी सरकारी विभागों में विद्युत निगम नंबर वन है। विद्युत निगम पर गाजियाबाद नगर निगम के 126 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया हैं। राज्य सरकार के अधीन आने वाले विभाग गाजियाबाद नगर निगम के करीब 158 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं। डा. संजीव सिन्हा ने बताया कि बकाया वसूली के लिए नगर निगम से लगातार पत्र भेजे जाते हैं, नोटिस भी जारी किए जाते हैं।

70 करोड़ दबाए बैठी है डीएमआरसी
आपको यह जानकर भी हैरानी हो सकती है कि दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) भी नगर निगम की बड़ी बकाएदार है। डीएमआरसी पर 77 करोड़ रुपये का बकाया है। एयरफोर्स स्टेशन हिंडन पर 24 करोड़, मानव संसासधन विकास केंद्र पर 15 करोड़ और रेलवे पर आठ करोड़ रुपये बकाया हैं। ये सब केंद्र सरकार के अधीन आने वाले संस्थान हैं। कुल मिलाकर केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दफ्तरों की बात करें तो 41 दफ्तरों के पास 155 करोड़ रुपये बकाया हैं।

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