Ghaziabad News : नगरायुक्त विक्रमादित्य मलिक और महापौर सुनीता दयाल के बीच शुरू हुई रार थमती नहीं दिख रही। पिछले दिनों नगरायुक्त ने महापौर के पति द्वारा पत्रावलियों का अवलोकन किए जाने के गंभीर आरोप लगाए थे, हालांकि महापौर ने भी उसी दिन एक पत्र जारी कर जवाब दिया था और नगरायुक्त द्वारा लगाए गए आरोपों को जेंडर आधार पर भेदभाव करार देते हुए कहा था कि आप एक महिला की योग्यता पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन रविवार को मामला एक बार उस समय फिर गरमा गया जब महापौर सुनीता दयाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नगर निगम अधिकारियों पर न केवल अनियमिताएं बरतने का आरोप लगाया बल्कि उन्होंने महिला आयोग जाने का भी ऐलान किया। शाम होते- होते नगरायुक्त ने भी एक पत्र जारी करते हुए महापौर द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया ।
पार्षदों की मौजूदगी में की प्रेसवार्ता, नगर निगम में घपलेबाजी के आरोप
पार्षदों की उपस्थिति में सुनीता दयाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नगर निगम में अधिकारियों द्वारा घपले किए जा रहे हैं, जब वह अंकुश लगाने की कोशिश करती हैं तो उनको अधिकारियों के द्वारा घेरा जाता है। महापौर ने कहा एक कंपनी की फाइल को देखना था तो नगर निगम अधिकारियों ने उनके कैंप कार्यालय पर तैनात एक कर्मचारी को उनके अनुमति के बिना न केवल हटा दिया बल्कि उसकी सैलरी भी काट दी। इतना ही नहीं एक पत्र भी नगरायुक्त की ओर से मीडिया को जारी किया गया जिसमें कहा गया कि मेरे पति फाइल देखते हैं। उन्होंने कहा आज तक वह पत्र उन्हें नहीं मिला है।
अधिकारी फाइलें घर क्यों ले जाते हैं ?
उन्होंने सवाल किया कि नगर निगम के तमाम अधिकारी अपने घरों पर फाइल ले जाते हैं और उनका अवलोकन करते हैं। उनके साथ ठेकेदार भी ऐसे देखे जा सकते हैं जो फाइलें साथ लेकर घूमते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सीक्रेट एक्ट 1923 का उल्लंघन नहीं है। महापौर ने कहा कि उनका घोर अपमान किया गया है और इस अपमान को लेकर वह महिला आयोग जाएंगी। वहीं नगर आयुक्त ने महापौर द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने सभी कार्यों को नियमों के अनुसार करना बताया है।