Ghaziabad News : सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पूर्व में जारी निर्देश के तहत जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब और बेहद खराब श्रेणी में होगा। वहां पटाखों की बिक्री तथा प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। वहीं ऐसे जनपद जहां वायु गुणवत्ता मोडरेट और उससे बेहतर श्रेणी में पाई जाएगी। वहां पर सिर्फ दो घंटे ही ग्रीन पटाखों का प्रयोग करने की अनुमति होगी। ऐसे में गाजियाबाद में रोजाना प्रदूषण बम फूट रहा है। इसके चलते यहां की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में है। लिहाजा यहां भी ग्रीन पटाखे चलाने पर रोक रहेगी।
जिले की हालत गंभीर
जनपद में प्रदूषण की वजह सड़कों पर पानी का छिड़काव न होने से उड़ने वाली धूल, वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था न होने से रोजाना सड़कों पर लगने वाला जाम और कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था न होने से चोरी-छिपे जलाए जाने वाला कूड़ा है। इसे रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन, नगर निगम और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है। फिलहाल प्रदूषण को कम करने के लिए सरकारी इंतजाम नाकाफी दिख रहे हैं।
वायु गुणवत्ता ठीक हुई तो मिलेगी अनुमति
डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि वायु गुणवत्ता सूचकांक अगर मोडरेट या उससे बेहतर श्रेणी में होगा तो ही दो घंटे ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दी जाएगी। इस संबंध में पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आदेश दिए हैं। जारी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित होगा। लोगों से अपील है कि वे दीपावली पर पटाखे न चलाएं।