बेटी की शादी के लिए संभालते रहे सांसे, आखिरी पल तक किया इंतजार, फिर आशीर्वाद दे दुनिया को कहा अलविदा

एक विवाह ऐसा भी: बेटी की शादी के लिए संभालते रहे सांसे, आखिरी पल तक किया इंतजार, फिर आशीर्वाद दे दुनिया को कहा अलविदा

बेटी की शादी के लिए संभालते रहे सांसे, आखिरी पल तक किया इंतजार, फिर आशीर्वाद दे दुनिया को कहा अलविदा

Google Image | आखिरी इच्छी पूरी करने के लिए हुई शादी

Ghaziabad News: गाजियाबाद से एक हैरान करने वाली खबर है। यहां आखिरी सांसे ले रहे एक पिता की आखिरी इच्छा पूरी की गई। वह बेटी और दामाद को आशीर्वाद देकर दुनिया को अलविदा कह गए। मामला इंदिरापुरम के शिप्रा सनसिटी सोसाइटी का है। कोरोना संक्रमण की वजह से सांसे गिन रहे बाप ने अपनी आखिरी जिम्मेदारी भी मजबूती से निभाई। मृतक राजकुमार ने 22 अप्रैल को कोरोना का टेस्ट कराया था, लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं आई थी। इससे पहले उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

राजकुमार गाजियाबाद के शिप्रा सनसिटी सोसाइटी में रहते थे। उनके घर में बेटा, बेटी और उनकी पत्नी हैं। कुछ वक्त पहले ही उन्होंने विजय नगर में रहने वाले एक युवक से अपनी बेटी की शादी तय की थी। बीते 30 अप्रैल को शादी होनी थी। सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। घर पर मेहमान जुट गए थे। सबको 30 अप्रैल का इंतजार था। स्थानीय पार्षद संजय सिंह ने बताया कि बीते 29 अप्रैल को बेटी की मेहंदी की रस्म हो रही थी। उसी दौरान अचानक राजकुमार जमीन पर गिर गए। उनके शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम होने लगा। परिवार की खुशियां गम में बदल गईं। सोसायटी के क्लब हाउस में कंसट्रेटर मशीन से ऑक्सीजन दी गई। 

29 अप्रैल की पूरी रात उनकी बेटी, परिजन और अन्य अन्य रिश्तेदार गाजियाबाद के अस्पतालों का चक्कर काटते रहे। लेकिन उन्हें न अस्पताल मिला, न इलाज। तब पार्षद संजय सिंह और सोसाइटी की एओए टीम ने एक डॉक्टर और टेक्नीशियन की व्यवस्था कराई। सोसाइटी में ही उनका इलाज किया जाने लगा। लेकिन राजकुमार को चिंता थी कि उनकी बेटी की शादी कैसे होगी। कहीं उनकी बीमारी की वजह से बेटी पारुल का विवाह न रुक जाए। यह चिंता उन्हें अंदर-अंदर ही खाए जा रही थी। डॉक्टरों का कहना था कि उनके चिंता करने की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ रहा था। उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था। 

पार्षद ने लड़के पक्ष से बात की। उन्होंने सहमति दे दी। इसके बाद सोसाइटी के मंदिर से पुजारी को बुलाया गया। उन्होंने मंत्रोच्चारण के साथ जयमाल करवाया। राजकुमार अपनी बेटी की शादी देखते रहे। समाप्त होने पर बेटी व दामाद को आशीर्वाद दिया। इसके बाद उनकी तबीयत फिर अचानक बिगड़ने लगी। आनन-फानन में उन्हें नजदीकी अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचाने की कोशिश की गई। लेकिन गेट से बाहर निकलते ही राजकुमार इस दुनिया को अलविदा कह गए। जिसने भी यह जाना, नम आंखों से उन्हें याद करता रहा। सबका कहना था कि बेटी की शादी कराने के बाद ही संसार को छोड़ गए।
 

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