Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में होने वाली बैठक के दौरान ऑर्बिटल रेल परियोजना (Orbital Rail Project) का ड्राफ्ट पेश किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक के दौरान फिजिबिलिटी स्टडी के आधार पर डीपीआर तैयार करने के आदेश को हरी झंडी मिल सकती है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के समानांतर ऑर्बिटल रेल चलाने की योजना है। दिल्ली के चारों तरफ रिंग के रूप में ऑर्बिटल रेल का संचालन किया जाएगा, जिससे राजधानी की सड़को से ट्रेफिक के दवाब को कम किया जा सके।
यह है पूरी योजना
ऑर्बिटल रेल परियोजना का एक भाग का निर्माण हरियाणा सरकार द्वारा कराया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर भूमि अधिग्रहण का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। हरियाणा में बनाए जाने वाले ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को सोनीपत से मानेसर होते हुए पलवल तक वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जाएगा 126 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर के निर्माण में 5618 करोड़ रुपए की लागत आएगी। हरियाणा में योजना पर कार्य शुरू हो चुका है। जबकि यूपी में इस दिशा में अभी शुरुआती दौर का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। हरियाणा सरकार का तर्क है कि जब तक उत्तर प्रदेश में इसका दूसरा भाग नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
शासन से मिल सकती है हरी झंडी
हरियाणा सरकार के दखल के बाद अब यूपी में भी इस योजना को लेकर सक्रियता देखी जा सकती है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के उप परिक्षेत्र ने हरियाणा मॉडल पर यूपी में ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण कराए जाने का ड्राफ्ट तैयार किया है। जिसका प्रस्तुतीकरण आज लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में किया जाएगा। चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में हरियाणा मॉडल पर काम किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में कॉरिडोर ग्रेटर नोएडा, दादरी, गाजियाबाद, मुरादनगर, बागपत होते हुए सोनीपत से कनेक्ट किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की लंबाई हरियाणा में बनने वाले प्रोजेक्ट से 10 किमी अधिक रहने की संभावना है।
6500 करोड़ होगा बजट
यूपी में बनाया जाने वाला कॉरिडोर लगभग 140 किमी लंबा रहेगा और इस पूरे प्रोजेक्ट पर 6500 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद जताई जा रही है। दिल्ली के चारों तरफ बनने वाली ऑर्बिटल रेल से दिल्ली में रेल यात्रियों और वाहनों का दबाव कम होगा। इस रेल कॉरिडोर को माल ढुलाई व यात्रियों के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। फीजिबिलिटी रिपोर्ट मिलने के बाद डीपीआर में प्रोजेक्ट की लंबाई स्टेशन और लागत का पता चलेगा। माना जा रहा है कि गाजियाबाद में 59 किमी लंबा ट्रैक बनाया जाएगा, जहां दो रेलवे स्टेशन पहला डासना और दूसरा मुरादनगर में बनाया जा सकता है। इसके लिए जमीन जीडीए द्वारा तलाश की जाएगी।