स्वर्ण जयंती पुरम में प्लॉट खरीदने का सुनहरा अवसर, जीडीए लेकर आया सस्ते प्लॉट की स्कीम 

Ghaziabad News : स्वर्ण जयंती पुरम में प्लॉट खरीदने का सुनहरा अवसर, जीडीए लेकर आया सस्ते प्लॉट की स्कीम 

स्वर्ण जयंती पुरम में प्लॉट खरीदने का सुनहरा अवसर, जीडीए लेकर आया सस्ते प्लॉट की स्कीम 

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Ghaziabad News : आप भी गाजियाबाद में घर बनाने का सपना देख रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल जीडीए की स्वर्ण जयंती पुरम योजना में 14 प्लॉट को नीलामी के जरिए बेचने की योजना बनाई है। यह सभी 14 प्लॉट अब तक जीडीए अधिकारियों की नजर से बचे हुए थे। लेकिन कोर्ट की एक पीआईएल के बाद हुए सर्वे के दौरान जीडीए की लॉटरी लग गई और स्वर्ण जयंती पुरम में ऐसे 14 प्लॉट जीडीए को मिले हैं जो अभी बेचे जाने से वंचित रह गए थे।  

सर्वे के बाद जीडीए की नजर में आए प्लॉट 
जीडीए ने धन अर्जित करने के लिए वर्तमान में नीलामी योजना शुरू की हुई है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक शुक्रवार को हिंदी भवन में जीडीए की संपत्ति को नीलाम किया जाता है। नीलामी में जीडीए की संपत्ति बाजार मूल्य से कम दाम पर लोगों द्वारा खरीदी जा रही है। इस बार नीलामी में स्वर्णजयंती पुरम योजना के 14 प्लॉट भी शामिल किए जाएंगे। इन 14 प्लॉट के जरिए जीडीए को लगभग 10 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की संभावना जताई जा रही है। अब तक बिक्री से वंचित रहे यह 14 प्लॉट एक सर्वे के बाद जीडीए अधिकारियों की नजर में आए हैं।

खरीददार नहीं दे पाए थे किस्त
दरअसल, 1998 में जीडीए ने स्वर्ण जयंती पुरम योजना लॉन्च की थी। जीडीए द्वारा 1998 से 2003 के बीच कुल 11 योजनाएं जीडीए द्वारा निकाली गई थी। इन योजनाओं के जरिए लोगों ने ड्रा के माध्यम से प्लॉट खरीदे थे। ड्रा द्वारा कुल 1583 भूखंडों को बेचा गया था। इस दौरान कुछ भूखंड ऐसे भी थे जिनकी खरीददार किस्त नहीं दे पाए थे। ऐसे भूखंडों की बिक्री को जीडीए द्वारा निरस्त कर दिया था। जीडीए द्वारा ऐसे 139 भूखंड चिन्हित किए गए थे लेकिन इन भूखंडों को 2005 से 2007 के बीच फिर से बहाल कर दिया गया था। 

एक शिकायत के बाद हटा भ्रष्टाचार से पर्दा 
इस संबंध में एक शिकायत मेरठ मंडल आयुक्त को भी दी गई थी और इस संबंध में एक पीआईएल कोर्ट में भी डाली गई थी। इस पीआईएल में जीडीए को सभी प्लॉट का सर्वे करने के निर्देश दिए गए। जब जीडीए ने सर्वे किया तो उसे सृजित किए गए प्लाट की संख्या से बेचे गए प्लाट की संख्या कम मिली। इस दौरान 14 ऐसे प्लॉट चिन्हित किए गए जो बेचने से वंचित रह गए थे। जीडीए के लेखा विभाग में भी इन्हें बेचने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। इसके बाद अब जीडीए के अधिकारियों की हेरा फेरी का मामला प्रकाश में आया है। वहीं दूसरी तरफ जीडीए को ऐसे 14 प्लॉट मिले हैं जिन्हें अब नीलामी के द्वारा बेचा जाएगा।

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