Ghaziabad News : दिल्ली एनसीआर में औद्योगिक हब और औद्योगिक पार्क का तेजी से विकास होने जा रहा है। इससे आने वाले 5 वर्षों के दौरान स्थानीय लोगों को एक लाख रोजगार उपलब्ध होंगे। हाल ही में अलग से बनी मोदीनगर की महायोजना-2031 में इसे शामिल किया गया था। इस संबंध में जिला प्रशासन की तरफ से शासन को पत्र लिखा गया है। मोदीनगर क्षेत्र में दो बड़े औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा।
क्या है पूरी योजना
दिल्ली एनसीआर में औद्योगिक हब और औद्योगिक पार्क विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। मोदीनगर के निवाड़ी में 141 एकड़ भूमि पर औद्योगिक हब विकसित करने की प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शासन को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मोदीनगर के निवाड़ी में 141 एकड़ ग्राम सभा और मिश्रित भूमि का अधिग्रहण करने की अनुमति मांगी है।
भूमि अधिग्रहण के लिए मांगी गई अनुमति
खास बात यह है कि जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के द्वारा भेजे गए पत्र में निशुल्क भूमि उपलब्ध कराने की अनुमति शासन से मांगी गई है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद इस भूमि पर औद्योगिक हब विकसित करने के लिए मंडल आयुक्त और जिला प्रशासन की तरफ से पुन अधिग्रहण किया जाएगा। इसके बाद यह भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की जाएगी। यूपीसीडा की तरफ से यहां औद्योगिक हब विकसित किया जाएगा।
मास्टर प्लान-2031
मोदीनगर के निवाड़ी में यूपीसीडा द्वारा औद्योगिक हब विकसित किया जाएगा। साथ ही मोदीनगर के लिए अलग से बने मास्टर प्लान-2031 में मोदीनगर स्थित भोजपुरी में एक औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। मोदीनगर क्षेत्र में दो स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्र के विकसित हो जाने से स्थानीय लोगों को आने वाले 5 वर्षों के दौरान एक लाख नए रोजगार सृजित होने की बात कही जा रही है। यूपीसीडा की योजना है कि निवाड़ी में औद्योगिक हब में सभी प्रकार के छोटे बड़े उद्योगों को जगह मिले। इसके लिए यहां 200 से लेकर एक हजार स्क्वायर मीटर के प्लॉट विकसित किए जाएंगे।
उद्योगों के लिए भूमि
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रदेश की इकोनॉमी को एक ट्रिलियन तक ले जाने के लिए देश के औद्योगिक घरानों से उत्तर प्रदेश में निवेश करने का आह्वान किया गया था। सरकार ने उद्योगपतियों को सीधे किसान से जमीन खरीदने की भी छूट प्रदान की गई थी। इसके लिए किसान से जमीन लेने के बाद उसका भूउपयोग बदलने के लिए भी सरकार ने नियमों में छूट देने का प्रावधान किया था। इसके बावजूद प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के लगने की रफ्तार बहुत धीमी रही। निवाड़ी में औद्योगिक हब विकसित होने से उद्योगपतियों की यह चिंता भी सरकार दूर करने में सफल होगी।