जिला महिला अस्पताल के M-SNCU में बढ़ेंगे बेड, मां-नवजात की बेहतर देखभाल होगी

गाजियाबाद से अच्छी खबर : जिला महिला अस्पताल के M-SNCU में बढ़ेंगे बेड, मां-नवजात की बेहतर देखभाल होगी

जिला महिला अस्पताल के M-SNCU में बढ़ेंगे बेड, मां-नवजात की बेहतर देखभाल होगी

Tricity Today | District Woman Hospital, Ghaziabad

Ghaziabad News : जिला महिला अस्पताल में संचालित मातृ- शिशु देखभाल केंद्र (M-SNCU) में बेड की संख्या बढ़ाए जाने की तैयारी है। इससे मां-नवजात को देखभाल की बेहतर सुविधा मिल सकेगी। बता दें कि जिला महिला अस्पताल की M-SNCU में अभी केवल 11 बेड हैं। इनकी संख्या बढ़ाकर 20 किए जाने का निर्णय लिया गया है। दरअसल प्रदेश सरकार के पायलट प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने अपनी योजना में शामिल कर लिया है। सरकार ने जिला महिला अस्पताल में संचालित M-SNCU को लेबल- टू घोषित किया गया है।

महिला अस्पताल में रोजाना होते हैं 20 से 25 प्रसव
जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 महिलाओं के प्रसव होते हैं। इनमें से तीन से चार नवजात ऐसे होते हैं, जिनका वजन ढ़ाई किलो से कम होता है या फिर कोई अन्य परेशानी होती है। ऐसे नवजात को मां के साथ एमएसएनसीयू में भर्ती किए जाते हैं। वर्तमान में एम-एसएनसीयू में 11 बेड हैं और 10 बच्चे अपनी मां के साथ भर्ती हैं। महिला अस्पताल की सीएमएस डा. अलका शर्मा ने बताया कि एम-एसएनसीयू को केंद्र सरकार ने अपनी स्वास्थ्य योजना में शामिल कर लिया है। शासन से 11 बेड के स्थान पर 20 बेड करने के निर्देश दिए गए हैं।

एम-एसएनसीयू में बढेंगे नौ बेड
नौ और बेड एम-एसएनसीयू में बढ़ाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां सभी बेड्स के साथ फोटो थैरेपी और रेडिएंट वार्मर मशीनों भी ‌होती हैं। डा. अलका शर्मा ने बत‌ाया कि एम-एसएनसीयू को लेवल-2 का ग्रेड दिया गया है। अब केंद्रीय सरकार की टीम के जल्द ही यूनिट का सर्वे करने आएगी। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम-एसएनसीयू का वर्चुअली उद्घाटन कर सकते हैं।

SNCU को अपग्रेड कर बनाया गया है M-SNCU
पहले जिला महिला अस्पताल में केवल एसएनसीयू ( स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) हुआ करती थी। इसमें केवल बीमार बच्चे को रखने की व्यवथा थी। सरकार ने सुविधाओं को बेहतर करते हुए SNCU को M-SNCU में अपग्रेड कर दिया और बीमार नवजात के साथ मां को भी रखने की व्यवस्था कर दी गई, ताकि नवजात को मां का साथ मिल सके। इससे कंगारू मदर केयर (KMC) की सुविधा के साथ ही नवजात को ब्रेस्ट फीडिंग की सुविधा भी मिलने लगी।

क्या है KMC
जिस प्रकार से कंगारू अपने बच्चों को शरीर से चिपकाकर रखता है उसी प्रकार नवजात को मां अपने शरीर चिपकाकर रखती है, जिसे KMC कहा जाता है। यह एक तरह की थेरेपी है, जिससे नवजात को सुरक्षा का अहसास होता है और यह अहसास उसके मानसिक और शारीरिक विकास में मददगार साबित होता है। बच्चे को अपने आंचल में रखने मां मां को भी सुखद अहसास होता है जिससे मां के स्वास्थ्य पर भी इस थेरेपी का अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

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