एनसीआर में इस मेट्रो लाइन के बनने का रास्ता साफ, 80:20 के पैटर्न को मिली मंजूरी

गाजियाबाद से अच्छी खबर : एनसीआर में इस मेट्रो लाइन के बनने का रास्ता साफ, 80:20 के पैटर्न को मिली मंजूरी

एनसीआर में इस मेट्रो लाइन के बनने का रास्ता साफ, 80:20 के पैटर्न को मिली मंजूरी

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Ghaziabad News : साहिबाबाद से नोएडा के सेक्टर-62 तक मेट्रो का थर्ड फेज शुरू होने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। फंडिंग पैटर्न को लेकर जिलाधिकारी ने स्थिति साफ करते हुए सुझाव दिया है। जिसमें प्रोजेक्ट का 80 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश शासन, जबकि 20 प्रतिशत हिस्सा डीएमआरसी को देना होगा। खास बात यह है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने डीएमआरसी से फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मांगी है।  

यह है पूरी योजना
बता दें कि पहले फेज में मेट्रो का निर्माण वैशाली तक किया गया था, जबकि दूसरे फेज में दिलशाद गार्डन से नए बस अड्डे तक मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था। तीसरे चरण में मेट्रो को वैशाली से मोहन नगर और साहिबाबाद से नोएडा के सेक्टर-62 तक लाने की योजना थी। तीसरे चरण की पहली डीपीआर जीडीए को मिल भी चुकी है, लेकिन फंडिंग पैटर्न की स्थिति साफ नहीं होने के कारण जीडीए ने इस प्रोजेक्ट से पल्ला झाड़ लिया था। अब जीडीए ने नोएडा से साहिबाबाद को लिंक करने के लिए इसकी डीपीआर मांगी है।

जिलाधिकारी ने सुझाया फंडिंग पैटर्न
मेट्रो के तीसरे चरण की तैयारी जीडीए की तरफ से शुरू कर दी गई है। इसके लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से संपर्क कर योगदान करने की मांग की जाएगी। जबकि जिलाधिकारी ने आवास विकास परिषद से भी योगदान देने को कहा है। फंडिंग पैटर्न में शासन से भी सहयोग की उम्मीद की जा रही है। जीडीए के अधिकारी ने बताया कि मेट्रो के तीसरे फेज की योजना को परवान चढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन से भी सहयोग की मांग की जाएगी। जबकि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से लोन लेने की बात चल रही है, जिसे बाद में किश्तों में चुकाया जाएगा। 

लोन पर टिकीं उम्मीदें
बता दें कि मेट्रो के तीसरे फेज के लिए जीडीए की उम्मीद अब एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से मिलने वाले लोन पर टिकी हुई है। योजना को मूर्त रूप देने के लिए जीडीए के खजाने में इतनी रकम नहीं है कि वह 1517 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को परवान चढ़ा सके। इसलिए पहली बार जब तीसरे फेज के लिए डीपीआर तैयार की गई थी, तब इस योजना पर 1517 करोड़ रुपये का कुल खर्च बताया गया था। जिसे बजट के अभाव में जीडीए द्वारा रद्द कर दिया गया था। लेकिन, अब दोबारा से डीपीआर बनाई जा रही है। उम्मीद है कि इस डीपीआर पर कम खर्च आने की उम्मीद है, क्योंकि अब वैशाली से कनेक्ट करने की योजना फिलहाल टाल दी गई है। केवल नोएडा से साहिबाबाद को कनेक्ट करने के लिए डीपीआर तैयार कराई जा रही है।

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