Ghaziabad News : गाजियाबाद और आसपास के जिलों के लिए अच्छी खबर है। अब यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने के लिए उन्हें ग्रेटर नोएडा नहीं जाना पड़ेगा। ऐसा संभव होगा ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के बीच कनेक्टिविटी रोड बनने से। शासन से अनुमति मिलने के साथ ही एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट पर काम करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्रोजेक्ट पूरा होने में एक साल से भी कम समय लगेगा। पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से यमुना एक्सप्रेस-वे के कनेक्ट होने के बाद गाजियाबाद में एनएच-9 पर भी वाहनों का दवाब कम होगा।
इन जिलों को मिलेगा लाभ
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों को इसका लाभ मिलेगा और मथुरा, वृदावन के साथ ही आगरा की ओर जाने के लिए ग्रेटर नोएडा से शुरू होने वाले फर्राटे गाजियाबाद में परिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के साथ ही शुरू हो जाएंगे। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। गौतमबुद्ध नगर जनपद को इस प्रोजेक्ट का बड़ा लाभ यह मिलेगी कि मेरठ, गाजियाबाद और हापुड़ से यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने वाले वाहनों का दवाब नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों से कम हो जाएगा।
नहीं जाना पड़ेगा परी चौक
अभी गाजियाबाद, हापुड़ और मेरठ के लोगों को आगरा की ओर जाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के लिए ग्रेटर नोएडा में परी चौक तक जाना पड़ता है। परी चौक पहुंचने में काफी समय लगता है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे की कनेक्टिविटी होने से इन जिलों के वाहन दुहाई और डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद सीधे यमुना एक्सप्रेस-वे पहुंच सकेंगे। कनेक्टिंग रोड यमुना एक्सप्रेस- वे के जीरो पाइंट से 10 किमी आगे जगनपुर अफजलपुर पर मिलेगी।
एक साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
एनएएचआई के चेयरमैन संतोष यादव के मुताबिक बहुत जल्द ही ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए काम शुरू होगा। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह प्रोजेक्ज एक साल से भी कम समय में पूरा कर लिया जाएगा। ग्रेटर नोएडा से होकर गुजर रहे परिफेरल एक्सप्रेस- वे का अभी यमुना एक्सप्रेस-वे से लिंक न होने के कारण पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने के लिए 15 से 20 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।
यहां कम होगा वाहनों का दवाब
पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे के सीधे लिंक हो जाने से ग्रेटर नोएडा में परी चौक और कासना में भी वाहनों का दवाब कम होगा। इतना ही नहीं इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आए दिन लगने वाले जाम से भी कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।एनएचएआई के अध्यक्ष संतोष यादव ने बताया कि दनकौर क्षेत्र में जगनपुर गांव के पास इंटरचेंज बनाने का निर्णय लिया गया है।
22 करोड़ के पेंच में फंसा था काम
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज को बनाने का काम वर्ष 2023 में शुरू हुआ था। प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव ने इसका शिलान्यास किया था। निर्माण में 122 करोड़ रुपये खर्च होने थे। यह काम निजी डेवलपर को करना था, लेकिन थोड़े दिनों बाद ही डेवलपर कंपनी ने इसके निर्माण में लगने वाली मिट्टी पर खर्च होने वाले 22 करोड़ रुपये की डिमांड कर डाली और काम फंस गया था। एनएचएआई ने कनेक्टिंग रोड के निर्माण के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। एनएचएआई को अनुमति प्राप्त हो गई है।