शनिवार को मनाया जाएगा गोवर्धन का त्योहार, जानिए किस समय है पूजा का शुभ मुहूर्त 

गोवर्धन पर्व 2024 : शनिवार को मनाया जाएगा गोवर्धन का त्योहार, जानिए किस समय है पूजा का शुभ मुहूर्त 

शनिवार को मनाया जाएगा गोवर्धन का त्योहार, जानिए किस समय है पूजा का शुभ मुहूर्त 

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Ghaziabad News : इस बार गोवर्धन पर्व 2 नवंबर शनिवार को उदया तिथि में मनाया जाएगा। यह जानकारी श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने दी। गोवर्धन पूजा विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की लीला के स्मरण में मनाई जाती है। इस दिन भक्तगण गोवर्धन की पूजा करते हैं और खासतौर पर पकवानों का भोग अर्पित करते हैं। श्रद्धालुओं के लिए यह पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें वे पारिवारिक और सामुदायिक रूप से एकत्रित होते हैं। 

गोवर्धन पर्व का बहुत अधिक महत्व
श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर के पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म में गोवर्धन पर्व का बहुत अधिक महत्व माना गया है। इस पर्व में गोबर को महत्व देकर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया गया है। इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा, जिससे भक्ति का वातावरण बना रहेगा। भक्तों को सलाह दी गई है कि वे इस पर्व को श्रद्धा और प्रेम से मनाएं, ताकि सभी के जीवन में खुशियों की बहार आए।

मुहूर्त शाम 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 45 मिनट तक
उन्होंने कहा कि इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की सांय 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगी और 2 नवंबर की रात्रि 8 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। इस दिन गोवर्धन पूजा का मुहूर्त 2 नवंबर को शाम 6 बजकर 30 मिनट से लेकर 8 बजकर 45 मिनट तक है। ऐसे में गोवर्धन पूजा के लिए 2 घंटा 45 मिनट का समय मिलेगा।

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना
नारायण गिरि महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन लीला करके हमें प्रकृति से प्रेम करने व उसका संरक्षण करने का संदेश दिया था। गोवर्धन पर्व के दिन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती हैं। गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जाता है। गोवर्धन पर्वत भी प्रकृति का ही एक रूप है और गोबर भी प्रकृति का महत्वपूर्ण अंग है। 

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