गाजियाबाद से कानपुर की घटेगी दूरी, कंपनी ने सौंपी DPR

ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर : गाजियाबाद से कानपुर की घटेगी दूरी, कंपनी ने सौंपी DPR

गाजियाबाद से कानपुर की घटेगी दूरी, कंपनी ने सौंपी DPR

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Ghaziabad News : गाजियाबाद को जल्द ही ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर मिलने जा रहा है। गाजियाबाद से कानपुर तक के सफर में अभी तक 6 से 7 घंटे का समय लगता था लेकिन इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद दोनों औद्योगिक शहरों के बीच की दूरी मात्र 3:30 घंटे में पूरी हो जाएगी। गाजियाबाद के साथ-साथ दिल्ली के लोगों के लिए भी यह कई मायनों में उपयोगी साबित होगा। प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे, लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के बाद अब जल्द ही गाजियाबाद से कानपुर ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर के निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा।

भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनेगा कॉरिडोर
भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनने वाले इस कॉरिडोर की लंबाई 380 किलोमीटर होगी। साथ ही इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनकर तैयार है। इसके लिए DPR बनाने वाली कंपनी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सामने 3 विकल्प रखे हैं। इसी माह जुलाई के अंतिम सप्ताह तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को प्रोजेक्ट की फाईलन DPR पर निर्णय लेना है। इसके बाद जल्द ही भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरु हो जाएगा।

उत्तर प्रदेश के 10 बड़े शहरों को जोड़ेगा कॉरिडोर 
यह कॉरिडोर मेरठ एक्सप्रेस वे को दो जगहों पर जोड़ते हुए बनाया जा रहा है। सबसे पहले डासना मसूरी के पास एनएच 9 से जोड़ते हुए इसका निर्माण शुरू होगा। इसके बाद इसको बाद हापुड़ में इसे पुराने एनएच 24 को जोड़ते हुए बनाया जाएगा। इसके बाद यह कॉरिडोर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे को कानपुर और उन्नाव के बीच में कनेक्ट करेगा। इस कॉरिडोर से गाजियाबाद के अलावा उत्तर प्रदेश के अन्य शहर भी जुड जाएंगे जिनमें हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, फर्रुखाबाद, उन्नाव और कन्नौज के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ेगा। यह कॉरिडोर 4 लेन का बनाया जाएगा जिसका बाद में आवश्यकता के अनुसार 6 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी फाइनल DPR पर निर्णय लेने के बाद ही इस प्रोजेक्ट की एंट्री और एग्जिट पॉइंट के बारे के बारे में बता पाएंगे।

क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट
देश में आर्थिक गलियारों (इकोनॉमिक कॉरिडोर), दूसरे देशों की सीमा से सटे इलाकों तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के इरादे के साथ केंद्र सरकार ने साल 2017 में भारतमाला प्रोजेक्ट (या भारतमाला परियोजना) के नाम से हाईवे (राजमार्ग) के विकास की एक बड़ी योजना की शुरुआत की है। भारतमाला एक केंद्रीय वित्तपोषित सड़क एवं राजमार्ग विकास परियोजना है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में सड़कों, राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का एक ठोस नेटवर्क बनाना है। भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) में 83,677 किलोमीटर सड़कों के नेटवर्क की परिकल्पना की गई है।

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