Ghaziabad News : आपदा राहत कार्य में भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ को महारथ हासिल है। दोनों मुश्किल ऑपरेशन को बहुत कम समय में अंजाम देने में सक्षम हैं। केरल के वायनाड में आई आपदा में राहत कार्य के लिए वायुसेना के गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस से तैयार ब्रिज भेजे गए हैं, ताकि तत्काल इन्हें स्थापित कर मुश्किल में फंसे लोगों को निकाला जा सके। भारी भरकम ब्रिज लेकर भारतीय वायुसेना के भारी मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर रवाना हुआ है।
वायुसेना ने तैयार किए ब्रिज
जब भी कहीं बाढ़ जैसी आपदा का सामना करना पड़े तो उससे निपटने के लिए भारतीय वायुसेना के पास खुद तैयार किए गए ब्रिज हैं। ये ब्रिज वायनाड में बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने का काम करेंगे। बता दें कि वायनाड में भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड हुआ है। इससे अब तक 151 लोगों की जान जा चुकी है। 116 लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी 220 से ज्यादा लापता लोगों को खोजने के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है। वायनाड में सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।
सी-17 ग्लोबमास्टर में कई खूबियां
सी-17 ग्लोबमास्टर दुनिया के बड़े मालवाहक विमानों में शुमार है। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के बेड़े में 11 ग्लोबमास्टर शामिल हैं। यह विमान 2,65,352 किलोग्राम वजन लिफ्ट करने और दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक पहुंचाने की क्षमता रखता है। एक साथ चार सौ लोगों को लेकर उड़ने वाला यह विमान ट्रक, बख्तरबंद गाडियां और भारी भरकम युद्धक टैंक एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में सक्षम है।
हवा में फ्यूल रिफिल करने में सक्षम
चार इंजन वाले इस विमान में लैंडिंग न कर पाने की स्थिति से निपटने के लिए रिवर्स गियर की भी व्यवस्था की गई है। लंबी यात्रा के दौरान हवा में ही फ्यूल रिफिल करने की इस क्षमता अद्वितीय है। 2010 में बोइंग कंपनी के साथ सौदा होने के बाद भारत को पहला सी-17 ग्लोबमास्टर एक जुलाई, 2013 में मिला था। अब भारतीय वायुसेना के बेड़े में 11 सी-17 हैं, जो देश ही नहीं विदेशों में भी मुश्किल में राहत पहुंचाने का काम कर रहे हैं।