लोनी नगर पालिका के ईओ को हाईकोर्ट की फटकार, चेयरमैन के आदेश को किया था रद्द 

Ghaziabad News : लोनी नगर पालिका के ईओ को हाईकोर्ट की फटकार, चेयरमैन के आदेश को किया था रद्द 

लोनी नगर पालिका के ईओ को हाईकोर्ट की फटकार, चेयरमैन के आदेश को किया था रद्द 

Tricity Today | High Court

Ghaziabad News : लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा के आदेश को अधिशासी अधिकारी ईओ द्वारा रद्द करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी आई है। दरअसल, चेयरमैन रंजीता धामा ने नायब मोहर्रिर तापसी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर उनका निष्कासन कर दिया था। निष्कासन के आदेश को यह कहते हुए ईओ द्वारा खारिज कर दिया गया कि चेयरमैन को कर्मचारियों के विरुद्ध आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है। मामले  पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के संविधान अधिकारों में अफसर का अनधिकृत हस्तक्षेप स्थानीय स्वशासन की परिकल्पना के लिए विनाशकारी है। कोर्ट ने ईओ के आदेश पर रोक लगाते हुए स्थानीय निकाय के निदेशक से जवाब मांगा है।

यह है पूरा मामला
नगर पालिका परिषद लोनी की अध्यक्ष रंजीता धामा ने 2 अक्टूबर को नायब मोहर्रिर तापसी सिंह को निलंबित करते हुए जांच का आदेश दिया था। आरोप है कि तापसी सिंह ने कूड़ा करकट के लिए निर्धारित 2140 हेक्टेयर खाली भूमि के संदर्भ में भ्रामक आख्या अपने हस्ताक्षर से जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास को यह कहते हुए प्रेषित कर दी कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता अवकाश पर हैं। असल में ईओ अवकाश पर नहीं थी। तापसी सिंह को स्थानीय भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का करीबी माना जाता है, जबकि अध्यक्ष रंजीता धामा राष्ट्रीय लोकदल पार्टी से जीतकर कर चेयरमैन चुनी गई हैं। निलंबन के बाद नायब मोहर्रिर तापसी सिंह ने लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा और उनके पति मनोज धामा के खिलाफ मारपीट और धमकी देने का मुकदमा भी दर्ज कराया था। यही नहीं इस दौरान तापसी सिंह के मामले में नियुक्त जांच अधिकारी का तबादला भी हो गया।

कोर्ट की फटकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ के समक्ष नगर पंचायत परिषद लोनी नायब मोहर्रिर तापसी सिंह के निलंबन का मामला पहुंचा है। चेयरमैन रंजीता धामा ने तापसी सिंह को अधिकारियों को गुमराह करने के आरोप में 2 अगस्त को निलंबित करने का आदेश दिया था। इस आदेश को अधिशासी अधिकारी केके मिश्रा ने यह कहते हुए रद्द कर दिया कि चेयरमैन को कर्मचारियों के खिलाफ आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि अधीनस्थ अधिकारी होते हुए भी ईओ का निर्वाचित नगर पालिका चेयरमैन के फैसले को रद्द किया जाना गंभीर विषय है। निर्वाचित प्रतिनिधि के संवैधानिक अधिकारों में अफसर का अनधिकृत हस्तक्षेप स्थानीय स्वशासन की नीति के लिए विनाशकारी साबित होगा। नाराज कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख नियत करते हुए स्थानीय निकाय के निदेशक से जवाब तलब किया है।

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