अफसरों की मिलीभगत से चल रहा अवैध निर्माण, 800 पेड़ों को कर दिया नष्ट

जीडीए के प्रवर्तन विभाग का कारनामा : अफसरों की मिलीभगत से चल रहा अवैध निर्माण, 800 पेड़ों को कर दिया नष्ट

अफसरों की मिलीभगत से चल रहा अवैध निर्माण, 800 पेड़ों को कर दिया नष्ट

Google Photo | Ghaziabad Authority

Ghaziabad News : जीडीए द्वारा विकसित की गई मधुबन बापूधाम योजना के पार्कों में खेती की जा रही है। मधुबन बापूधाम योजना के पार्कों में हो रही खेती जीडीए दे रहा है। अनाधिकृत कॉलोनियों को बढ़ावा संस्था के पदाधिकारियों की मानें जो जीडीए के अधिकारियों का ध्यान मधुबन बापूधाम योजना को सुनियोजित तरीके से विकसित किए जाने पर नहीं है। जीडीए का प्रवर्तन विभाग योजना के आस-पास अनाधिकृत कॉलोनियों को बढ़ावा देने में लगा हुआ है। जीडीए के प्रवर्तन विभाग के जिन आला अधिकारियों को अनाधिकृत कालोनियों पर नियंत्रण एवं समय रहे एक्शन लेने का दायित्व है, वहीं अनाधिकृत कालोनियों को बढ़ावा दे रहे है।

करीब 800 पेड़ हुए नष्ट
मधुबन बापूधाम वेलफेयर सोसायटी के महासचिव लीलाधर मिश्रा ने खुलासा करते हुए बताया कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा मधुबन बापूधाम योजना को सुनियोजित तरीके से विकसित करने के दावे कर रहा है। आवंटियों की मानें तो योजना के पार्कों में खेती की जा रही है। अमृत योजना के अंतर्गत बीते साल जिन पार्कों में 800 से पेड़ लगाए गए थे, तमाम पेड़ नष्ट हो गए हैं। मधुबन बापू धाम वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल जीडीए उपाध्यक्ष से मिला। उन्होंने अवगत कराया गया कि योजना के पॉकेट डी के भवन संख्या 40, डी 218 एवं डी 300 के पार्क में केले का बाग विकसित किया गया है। पार्कों के पंप पर जिस चैकीदार को तैनात किया गया है, उसकी मिलीभगत से ये खेल हो रहा है। 

पार्कों में हो रही खेती
संस्था के पदाधिकारियों ने खुलासा करते हुए बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत बीते वर्ष विभाग के अधिकारियों द्वारा शासन को गुमराह पूर्वक जानकारी देते हुए शिकायत का निस्तारण कर दिया था। आवंटियों द्वारा पार्कों में हरियाली को बढ़ावा देने के नाम पर पैसे ठिकाने लगाने के मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह किया गया। 

इन मुद्दों को भी उठाया
सोसायटी के महासचिव लीलाधर मिश्रा ने बताया कि मधुबन बापूधाम योजना के एक बड़े हिस्से में किसानों के द्वारा खेती की जा रही है। जीडीए आवंटियों को भूखंडों पर कब्जे नहीं दे पा रहा है। इस मामले को शासन के सामने उठाया गया, लेकिन जीडीए के अधिकारियों के द्वारा योजना की जमीन के एक बड़े हिस्से पर किसानों के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से स्थगन आदेश हासिल किए गए है। जिन जमीनों पर किसी तरह का विवाद नहीं है, उन्हें भू-अर्जन विभाग के सहयोग से चिन्हित करते हुए कब्जा प्राप्त किया जा रहा है। अभी तक मुख्य मार्गों पर स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं की गई है।

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