लूट और चोरी के ट्रकों के दस्तावेज बनवाने वाला अंर्तरराज्यीय आरटीओ दलाल बेटे समेत गिरफ्तार, जानिए 10वीं फेल भोला कैसे बना  मास्टरमाइंड

गाजियाबाद पुलिस की बड़ी कामयाबी : लूट और चोरी के ट्रकों के दस्तावेज बनवाने वाला अंर्तरराज्यीय आरटीओ दलाल बेटे समेत गिरफ्तार, जानिए 10वीं फेल भोला कैसे बना मास्टरमाइंड

 लूट और चोरी के ट्रकों के दस्तावेज बनवाने वाला अंर्तरराज्यीय आरटीओ दलाल बेटे समेत गिरफ्तार, जानिए 10वीं फेल भोला कैसे बना  मास्टरमाइंड

Tricity Today | भोला मास्टरमाइंड

Ghaziabad News : 10 साल पुराने या फिर दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के नम्बर पर लूट और चोरी के ट्रकों की आरसी और परमिट बनवाने वाले अंतरराज्यीय दलाल और उसके बेटे को क्राइम ब्रांच की एंटी ऑटो थैप्ट सेल ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पिता-पुत्र के पास से पुलिस ने 9 वाहनों की आरसी और 10 वाहनों के परमिट के अलावा विभिन्न आरटीओ की मोहरें बरामद की हैं। पुलिस का कहना है कि पंजाब और नागालैंड के आरटीओ विभाग में आरोपी दलाल की ऐसी सेटिंग थी कि वह बिना गाड़ी के दिखाए उनके दस्तावेज तैयार करा देता था। पूछताछ में आरोपी दलाल ने पंजाब के पटियाला, भटिंडा, संगरूर और नागालैंड के कोहिमा आदि के आरटीओ, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर और आरसी क्लर्क को पैसे देकर आरसी और परमिट बनवाने की बात कबूली है। जिसके आधार पर पुलिस ने आरटीओ समेत अन्य कर्मचारियों को भी आरोपी बनाए जाने की बात कही है। 

3 अक्तूबर 2021 को सबसे पहले पकड़ा गया था गैंग
एसपी क्राइम डॉ.दीक्षा शर्मा ने बताया कि 3 अक्तूबर 2021 को क्राइम ब्रांच की एंटी ऑटो थैप्ट टीम ने 10 साल पुराने प्रतिबंधित और दुर्घटनाग्रस्त ट्रकों के नम्बरों पर लूट और चोरी के वाहन चलाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था। इस मामले में पुलिस ने मेरठ निवासी परवेन्द्र तोमर, लीलू उर्फ आदेश शर्मा और अमित नामदेव को गिरफ्तार किया था। जबकि गैंग में शामिल भोला दलाल समेत अन्य सदस्य फरार हो गए थे। एसपी क्राइम का कहना है कि इसी क्रम में पुलिस ने पटियाला, पंजाब निवासी चंद्रमोहन उर्फ भोला और उसके बेटे अरुण को गिरफ्तार किया है। वर्तमान में आरोपी पिता-पुत्र लुधियाना में रह रहे थे।

कई जिलों और राज्यों में थी सेटिंग
पुलिस का कहना है कि चंद्रमोहन देश के कई राज्यों में आरटीओ विभाग की दलाली करता है। जिसके चलते वह भोला दलाल के नाम से चर्चित है। फर्जीवाड़ा करने पर वह पूर्व में हरियाणा और पंजाब से जेल भी जा चुका है। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। चंद्रमोहन के जेल चले जाने के बाद उसका बेटा अरुण ही पूरे धंधे की कमान संभालता था। एसपी क्राइम का कहना है कि आरोपियों से साठगांठ कर फर्जीवाड़ा करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जांच पड़ताल के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। 

10वीं फेल भोला ऐसे बना दलाल
एसपी क्राइम दीक्षा शर्मा ने बताया कि 10वीं फेल भोला दलाल ने जींद हरियाणा से दलाली की शुरुआत की थी। जिसके चलते आरटीओ विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से उसके संबंध बन गए थे। पूछताछ में भोला दलाल ने पुलिस को बताया कि एक नंबर के काम में उसे कम पैसे बचते थे। जिसकी वजह से उसने अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों से मिलीभगत कर फर्जी आरसी और परमिट बनवाना शुरू कर दिया। नंबर दो का धंधा उसे ऐसा रास आया कि उसके वारे न्यारे होना शुरू हो गए। एसपी क्राइम ने बताया कि 2009 में भोला दलाल को करनाल पुलिस ने पकड़ कर जेेल भेजा था। लेकिन जेल से आने पर उसने फिर वही धंधा शुरू कर दिया था। पुलिस की मानें तो भोला के जेल चले जाने के बाद उसका बेटा अरुण ही पूरे धंधे को संभालता था। अरुण के खिलाफ कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है।

225 से अधिक लोगों को फर्जी परमिट बनवाए
क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि 2006 से 2016 आने तक भोला काफी चर्चित दलाल बन गया था। इस बीच उसके पंजाब और नागालैंड के तमाम आरटीओ विभाग के अधिकारियों व क्लर्क आदि से संबंध बन गए थे। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पटियाला, संगरूर, भटिंडा और नागालैंड के कोहिमा के आरटीओ, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर और क्लर्क से मिलीभगत कर 225 से अधिक लोगों को फर्जी परमिट बनवाकर दे चुका है। साथ ही जो मोहरें उससे बरामद हुई हैं इनसे भी वह 90 से 100 वाहन स्वामियों को परमिट और आरसी बनाकर दे चुका है। क्राइम ब्रांच प्रभारी ने बताया कि आरोपी एक ट्रक के दस्तावेज बनवाने के लिए 4 से 5 लाख रुपए लेता था। जिसमें आरटीओ समेत विभाग के अन्य कर्मचारियों को भी हिस्सा देता था। पुलिस को जानकारी मिली है कि दलाली के धंधे से भोला करोड़ों रुपए कमा चुका है।

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