Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी करते हुए सभी अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि किसी भी काम कांवड़िए को दिक्कत ना हो। योगी आदित्यनाथ के इसी आदेश का पालन करते हुए गाजियाबाद की एडीएम ऋतु सुहास भोली बन गई। उन्होंने फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला को विपरीत परिस्थितियों में अपनी गाड़ी में बैठा कर उसके घर तक पहुंचाया है। जिसके बाद महिला ने अपने परिवार वालों से फोन पर बात करते हुए कहा कि गाजियाबाद में उनको एक भोली मिल गई है। जो उनको घर तक पहुंचा रही है। इतना ही नहीं फरीदाबाद की इस महिला ने ऋतु सुहास को अपनी कावड़ भी दे दी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, फरीदाबाद की रहने वाली माया देवी हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने घर की ओर लौट रही थी। जब माया देवी गाजियाबाद के गंग नहर के पास पहुंची तो उनके पास कॉल आया कि उनके देवर की मौत हो गई है। यह सुनकर माया देवी अपने होश खो बैठी। वह जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहती थी। इसके अलावा उनको शिव भक्त होने के नाते नियमों का पालन भी करना था। हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश और फरीदाबाद तक कावड़ यात्रा को लेकर रूट डायवर्जन लगा हुआ है। जिसकी वजह से वह है जल्द से जल्द किसी भी हालत में घर नहीं पहुंच सकती थी। अपने देवर की मौत की खबर सुनने के बाद वह तत्काल गाजियाबाद के गंग नहर पर स्थित कंट्रोल रूम में पहुंची और वहां पर उनकी मुलाकात गाजियाबाद की एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से हुई। फरीदाबाद के माया देवी ने अपनी पूरी परेशानी ऋतु सुहास के सामने बयां की।
ऋतु सुहास ने इस तरह पहुंचाया घर
ऋतु सुहास ने माया देवी की समस्या सुनने के बाद उनको तत्काल अपनी गाड़ी में बैठा कर रवाना किया। गाड़ी मैं बैठा कर्मा देवी को मेरठ मोड़ पहुंची। वहां पर बसों का रूट डायवर्ट है। जिसकी वजह से ऋतु सुहास ने माया देवी को एक बाइक सवार व्यक्ति से मदद दिलवाई। माया देवी को बाइक पर बैठवाकर घर तक जाने का किराया देते हुए दिल्ली स्थित सराय काले खां भेजा। वहां पर रोडवेज के आरएम से फोन पर वार्ता की और महिला को फरीदाबाद जाने वाली बस में बैठाने का अनुरोध किया। घर तक पहुंचने तक ऋतु सुहास महिला से संपर्क करती रही।
माया देवी अपने परिजनों से बोली- मुझको एक भोली मिल गई
इस दौरान जब माया देवी ने अपने परिजनों से बातचीत की तो उन्होंने अपने परिजनों से कहा, "गाजियाबाद में मुझको एक भोली मिल गई है, जो मुझे घर तक पहुंचा रही है। मैंने अपनी कांवड़ को गाजियाबाद की भोली (ऋतु सुहास) को दे दी है। वह मेरी कांवड़ मेरे घर तक पहुंचा देगी। आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िया किसी व्यक्ति का नाम नहीं लेते हैं। वह पुरुष को भोला और महिला को भोली कहते हैं।