Ghaziabad News : पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायणगिरि जी महाराज ने बताया कि शिवरात्रि पर दूधेश्वर नाथ मंदिर पर 10 से 15 लाख भोले के भक्त जलाभिषेक करेंगे। उन्होंने मानव मात्र को शिवरात्रि की शुभकानाएं दी हैं। इसके साथ ही श्रीमहंत ने सभी शिव भक्तों से अपील की है कि शिवरात्रि का पर्व सहयोग और प्रेम से मनाएं। श्रीमहंत ने भगवान श्री दूधेश्वरनाथ से सभी के लिए मंगल कामना की है। उन्होंने कहा कि दूधेश्वर भगवान का जितना गुणवान किया जाए उतना कम है। जगत पिता, विश्व पिता, सम्पूर्ण ब्रह्माण के स्वामी, देवों के देव महादेव, सम्राट महादेव हैं, मेरे शब्द कोष में प्रभू के महात्म्य के गुणवान करने के लिए शब्द पर्याप्त नहीं है।
16वें श्रीमहंत हैं नारायणगिरि जी महाराज
श्रीमहंत नारायणगिरि जी महाराज ने बताया कि वे श्री दूधेश्वरपीठ के 16वें श्रीमंहत हैं और उन्हें पीठ का श्रीमंहत उनके गुरू श्रीमहंत रामगिरि जी महाराज द्वारा 1986 बनाया गया था। उन्होंने बताया कि श्री दूधेश्वरपीठ के प्रथम श्रीमहंत वेणीगिरि जी महाराज, श्रीमहंत सन्ध्यागिरि जी महाराज, श्रीमहंत प्रेमगिरि जी महाराज, श्रीमहंत अधीनगिरि जी महाराज, श्रीमहंत राजगिरि जी महाराज, श्रीमहंत धनीगिरि जी महाराज, श्रीमहंत दयागिरि जी महाराज, श्रीमहंत पलटूगिरि जी महाराज, श्रीमहंत सोमवारगिरि जी महाराज, श्रीमहंत वसंतगिरि जी महाराज, श्रीमहंत निहालगिरि जी महाराज, श्रीमहंत मंगलगिरि जी महाराज, श्रीमहंत शिवगिरि जी महाराज, श्रीमहंत गौरी गिरि जी महाराज सहित उनके गुरू श्रीमहंत रामगिरि जी महाराज 15वें श्रीमहंत रहे।
शुक्रवार 3.36 बजे शुरू होगा शिवरात्रि का जलाभिषेक
श्रीमहंत नारायणगिरि जी महाराज ने बताया कि हाजिरी का जल लगातार चढ़ाया जा रहा है। त्योदशी का जल शुक्रवार दोपहर 03:36 तक त्रयोदशी का जल व 03:36 के उपरान्त शनिवार दोपहर 3:00 बजे तक चतुर्दशी/शिवरात्रि का जलाभिषेक होगा। श्रीमहंत नारायणगिरि जी महाराज ने सभी शिव भक्त कांवड़ियों सहित अन्य शिव भक्तों से अनुरोध किया कि वे श्री दूधेश्वर महादेव के नाम के स्मरण के साथ शांतिपूर्वक, श्रद्धाभाव से गंगाजल, जल और दूध चढ़ायें। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन एवं सम्मानित नागरिकों के सहयोग से दूधेश्वरनाथ मंदिर पर समुचित व्यवस्था की गई है। आप सभी सहयोग एवं प्रेम की भावना के साथ श्रावण शिवरात्रि के इस पर्व को संपन्न करायें।
शुक्रवार को करें शिवरात्रि का व्रत
श्रीमहंत नारायण गिरी जी महाराज ने कहा है कि शिवरात्रि का व्रत शुक्रवार को होगा। भगवान शंकर की पूजा करें। रात्रि में जागरण करें और भगवान भोले को मनाएं। इसके साथ ही उन्होंने कांवड़ियों को संदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान नशे से दूर रहें। शांत मन से भोले का स्मरण करें। किसी पर क्रोध न करें। असंमजस में न रहें, भोलेनाथ सबका भला करते हैं और कांवड़ियों को भी भोले का स्वरूप माना गया है। वैसा ही आचरण करें।