Ghaziabad News : गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले दंपत्ति को फेसबुक पर मिले एक लिंक ने ऐसा फंसाया कि जिंदगी भर की कमाई लील ली। इस लिंक ने नवनीता मिश्रा और मृणाल शंकर मिश्रा दंपत्ति को एक WhatsApp में शामिल कर दिया। उसके बाद ट्रेडिंग टिप्स के नाम पर उन्हें दो हजार रुपये प्रतिमाह का सब्सक्रिप्शन देकर VIP ग्रुप में जोड़ दिया गया। कथित ट्रेडिंग एक्सपर्ट्स से शेयर ट्रेडिंग के टिप्स के नाम पर इस ग्रुप में सदस्यों के द्वारा उनकी बढ़ती आमदनी और निवेश के लिए रकम ट्रांसफर करने के प्रूफ डाले जा रहे थे। दंपत्ति का दिमाग बांधने के लिए इतना काफी था। स्थिति यह हो गई कि दंपत्ति ने लोन लेकर भी बड़ी रकम निवेश कर दी और जब उन्हें अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड का पता चला तो सब कुछ लुट चुका था। जीसीटी कंपटीशन में शामिल कराकर किया खेल
वीआईपी ग्रुप में शामिल करने के बाद रजत चोपड़ा नाम के शख्स ने मोटी कमाई का लालच देकर जीटीसी कंपटीशन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इसके लिए दिए गए लिंक के माध्यम से एक मोबाइल ऐप इंस्टॉल कराया गया और आईपीओ के लिए सदस्यता पूर्ण करने हेतु आधार और पैन कार्ड अपलोड कराया गया। बाकायदा सेबी में पंजीकरण की फर्जी आईडी के साथ ही NSE और BSE टीम कोड भी दे दिए गए, ताकि शक करने की कोई गुंजाइश ही न बचे।
बताए गए खातों में रकम भेजकर शेयर खरीदने शुरू कर दिए
उसके बाद दंपत्ति ने रजत अरोड़ा के सहायक द्वारा बताए गए खातों में रकम भेजकर शेयर खरीदने शुरू कर दिए, सलाह मिलने पर यह शेयर बेचकर मुनाफा भी होता दिखा। एक माह के दौरान दंपत्ति ने दो संयुक्त और एक व्यक्तिगत बैंक खाते से 22 बार में 3,10,34,240 रुपये ट्रांसफर किए। बाद में उन्होंने शेयर बेचकर रकम निकालनी चाही तो रकम नहीं मिली और साइबर फ्रॉड का अंदाजा होने पर साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
दंपत्ति से गलती कहां हुई
दंपत्ति से गलती कहां हुई यह जानने के लिए हमने साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट एंड एनालिस्ट अवीनींद्र कुमार सिंह (कंसलटेंट लॉ इंफोर्समेंंट भारत सरकार) से बात की। उन्होंने दंपत्ति द्वारा तहरीर में दी गई जानकारी के आधार पर बताया कि सबसे पहली गलती दंपत्ति ने अनजान सोर्स से आए लिंक पर क्लिक पर करके की और उसके बाद दूसरी बड़ी गलती किसी के द्वारा दी गई एप्लीकेशन इंस्टाल करके।
एप्लीकेशन आपके एसएमएस पढ़ने में सक्षम होती हैं
दरअसल ऐसी एप्लीकेशन आपके एसएमएस पढ़ने में सक्षम होती हैं और आपकी वित्तीय स्थिति की जानकारी लीक हो जाती है। पीड़ित दंपत्ति के साथ भी यही हुआ होगा। एसएमएस से उनके बैंक खाते की स्थिति जान ली गई और फिर उन्हें टारगेट किया गया। कई बार इस तरह के सवाल उठते हैं कि साइबर फ्रॉड उन्हीं लोगों के साथ होता है, जिनके खाते में अच्छी खासी रकम होती है, तो उसका भी जवाब यही है। एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर साइबर क्रिमिनल्स अपना मुखबिर आपके मोबाइल या लैपटॉप में बैठा देते हैं।
अनजान लिंक पर जाने से बचें
साइबर एक्सपर्ट अवीनींद्र सिंह बताते हैं कि अनजान लिंक में ट्रोजन बैठा हो सकता है, यदि आप इस तरह के लिंक पर क्लिक करेंगे तो वह आपके मोबाइल या लैपटॉप में आकर बैठ जाएगा और ट्रोजन के जरिए आपका मोबाइल या लैपटॉक हैक हो जाएगा। ऐसा कोई लिंक यदि आप खोलना चाहते हैं तो Crome ब्राउजर पर बिल्कुल न खोलें। लिंक को कॉपी करके Microsoft Edge पर जाकर पेस्ट करने के बाद खोलें, लेकिन यह ध्यान रखना न भूलें कि जिस उद्देश्य से आपने लिंक खोला है, उसी तक सीमित रहें, दाएं बाएं बिल्कुल न जाएं। हो सकता बीच में आपको कोई लुभावना एड या फिर वीडियो आकर्षित करे, लेकिन आपको उस पर बिल्कुल नहीं जाना है।
ecognitio mode होता है Safe mode
साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि किसी भी ब्राउजर को ecognitio mode पर यूज करने सेफ होता है। इन्कॉग्निटो मोड को प्राइवेसी मोड, सेफ मोड या प्राइवेट ब्राउजिंग भी कहा जाता है, खासकर जब आप किसी अनजान सोर्स से मिला लिंक खोलें तो माइक्रोसाफ्ट एज ब्राउजर पर और इन्कॉग्निटो मोड ऑन करके ही खोलें। इन्कॉग्निटो मोड लगभग सभी ब्राउजर पर उपलब्ध है, इस मोड की खासियत है कि कोई डेटा हिस्ट्री में सेव नहीं करता।
गलती होने पर क्या करें ?
यदि गलत लिंक क्लिक करने पर पता चले कि गलती हो चुकी है तो तुरंत उस लिंक को पूरी तरह बंद कर दें और अपनी एप्लीकेशन लिस्ट चेक करें यदि कोई बेनाम एप्लीकेशन इंस्टॉल हुई देखते हैं तो उसे तुरंत डिलीट करें, ऐसी एप्लीकेशन ट्रोजन होती हैं। और आपका मोबाइल या लैपटॉप हैक कर सकती हैं और मोबाइल या लैपटॉप में मौजूद आपकी महत्वपूर्ण जानकारी चोरी की जा सकती है। क्रमशः >>>>>>