गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लाखों श्रद्धालुओं को हिंडन नदी में मिलेगा साफ पानी, हरिद्वार से छोड़ा गया गंगाजल

छठ पूजा से जुड़ी बड़ी खबर : गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लाखों श्रद्धालुओं को हिंडन नदी में मिलेगा साफ पानी, हरिद्वार से छोड़ा गया गंगाजल

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के लाखों श्रद्धालुओं को हिंडन नदी में मिलेगा साफ पानी, हरिद्वार से छोड़ा गया गंगाजल

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Ghaziabad/Noida : छठ पूजा (Chhath Puja) के लिए हरिद्वार से गंगनहर में गंगाजल छोड़ा गया है। गंगनहर से 1500 क्यूसेक पानी हिंडन में छोड़ा जाएगा। हरिद्वार से 12 नवंबर को पूजा-पाठ करके गंगाजल छोड़ दिया गया है। यह गंगाजल 19 नवंबर से पहले गाजियाबाद पहुंच जाएगा। फिर इसे धीरे-धीरे हिंडन नदी में छोड़ा जाएगा। इससे छठ पूजा के दौरान तीनों दिन हिंडन नदी का पानी साफ़ सुथरा बना रहेगा। छठ पूजा करने वाले लाखों लोगों को सुविधा मिलेगी। ग़ाज़ियाबाद, ट्रांस हिंडन, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हिंडन नदी पर बड़ी संख्या में घाट बनाए गए हैं। इन पर लाखों श्रद्धालु भगवान सूर्य नारायण कि पूजा करते हैं। इसकी जानकारी गाजियाबाद जिलाधिकारी ने दी है।

छठ से पहले पूर्ण करा दी जाएंगी सुविधाएं : गाजियाबाद डीएम
गाजियाबाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि छठ पूजा के संबंध में सभी विभागों की बैठक करके उन्हें निर्देशित किया जा चुका है। गाजियाबाद में छोटी-बड़ी 77 जगहों पर छठ पूजा की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूजा करके हरिद्वार से गंगाजल छोड़ा गया है। 12 तारीख को गंगाजल छोड़ा गया है। यह 19 तारीख तक यहां पहुंच जाएगा। गंग नहर से 1500 क्यूसेक पानी हिंडन में भी छोड़ा जाएगा। छठ पूजा पर हिंडन में साफ सुथरा पानी मिलेगा। शेष कार्य छठ घाटों की साफ सफाई, मोबाईल टॉयलेट, प्रकाश व्यवस्था, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, मेले के लिए फायर टेंडर, मोबाईल एंबुलेंस की व्यवस्था कर ली गई है। बाकी सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर दी जाएंगी।

नोएडा में इन जगहों पर छठ घाट का निर्माण
सेक्टर-75, 71, 66, 62, 82, 93, 110, 12, 19, 20, 21ए स्टेडियम, 22, 31, 45, 55, छीजारसी, चोटपुर, ममूरा, होशियारपुर, मोरना, छलेरा, सदरपुर, भंगेल में कृत्रिम तालाब बनाकर छठ पर्व मनाया जाता है। नोएडा स्टेडियम में बड़ा घाट बनाया जा रहा है। इसके अलावा हिंडन और यमुना किनारे भी हजारों छठव्रती अर्घ्य देते हैं। घाटों पर साफ-सफाई की तैयारी युद्ध स्तर से की जा रही हैं। खरना के साथ छठव्रतियों का 36 घन्टे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा।19 नवंबर, कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी सायंकाल अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। 20 नवंबर, कार्तिक शुक्ल पक्ष सप्तमी को प्रातःकाल उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। इसके साथ ही छठव्रतियों का 36 घन्टे का निर्जला व्रत समाप्त हो जायेगा और चार दिवसीय छठ पर्व का समापन हो जायेगा।

बारिश के दौरान बाढ़ में बह गए घाट
वर्षा के मौसम में हिंडन नदी में बाढ़ आने से नदी पर बने छठ घाट बह गए थे। अधिकांश घाटों को फिर से बनाया जा रहा है। इसके लिए साफ सफाई और चिनाई का कार्य किया जा रहा है। घाटों को बनाने में नगर निगम की तरफ से सहयोग किया जा रहा है। पूर्वांचल समुदाय का यह सबसे बड़ा पर्व है। करहैड़ा स्थित घाट पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु पूजा के लिए आते हैं। इस दौरान पूर्वांचल समाज के लाखों लोग हिंडन के किनारे बने छठ घाटों में पूजा करते हैं। इस वर्ष 19 नवंबर से छठ पर्व की शुरुआत है।

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