पुत्र शोक सबसे बड़ा दुख, लोनी में दो भाईयों की मौत पर भावुक हुए नंदकिशोर गुर्जर

गाजियाबाद में विधायक बोले : पुत्र शोक सबसे बड़ा दुख, लोनी में दो भाईयों की मौत पर भावुक हुए नंदकिशोर गुर्जर

पुत्र शोक सबसे बड़ा दुख, लोनी में दो भाईयों की मौत पर भावुक हुए नंदकिशोर गुर्जर

Tricity Today | प्रशांत विहार कालोनी में पीड़ित पिता को ढांढस बंधाते लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर।

Ghaziabad News : लोनी की प्रशांत विहार कालोनी में दो भाईयों की मौत पर परिवार को ढांढस बंधाने पहुंचे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर नीरज और उसके परिवार का हाल देख भावुक हो गए। उन्होंने कहा पुत्र शोक जीवन का सबसे बड़ा दुख होता है। इस मौके पर उन्होंने पी‌ड़ित परिवार को शासन से मदद कराने की बात भी कही। मौके पर मौजूद एडीएम लोनी को उन्होंंने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से राहत राशि दिलाने के लिएआवेदन कराने को कहा। विधायक ने कहा कि ऐसे होनहार बच्चों का यूं चले जाना बड़ा कष्टकारी है लेकिन नियति के आगे हम मजबूर हैं।

जलकर हुई अरुण और वंश की मौत
मच्छर भगाने के लिए कमरे में जलाई गई क्वाइल से लगी आग ने पूरे कमरे को अपनी चपेट में ले लिया था। आग की चपेट में आकर वंश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि अरुण को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचने पर डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। नीरज मजदूरी करते हैं। बड़ा बेटा कौशल दिल्ली मेट्रो में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करके उनकी मदद करता है जब छोटे दोनों बेटे 21 वर्षीय अरुण और 19 वर्षीय वंश पढ़ाई कर रहे थे। रात में करीब 10 बजे पूरे परिवार ने खाना खाया। कौशल डयूटी पर था। नीरज ने बताया कि वह पत्नी के साथ बाहर वाले कमरे में सो गए, दोनों बेटे अरुण और वंश अंदर वाले कमरे में थे।



कमरे से उठ रही थीं लपटें
नीरज ने बताया कि रात करीब ढाई बजे अचानक नीरज नींद से जागे तो बच्चों के कमरे से आग की लपटें उठ रही थीं, पूरी घर में धुंआ भरा हुआ था। उन्होंने शोर मचाकर पड़ोसियों को बुलाया। मौके पर पहुंचे लोगों ने तत्काल आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए, फायर बिग्रेड की टीम पहुंचने तक आग पर आगू पा लिया था। लेकिन नीरज के दोनों बच्चे बुरी तरह झुलस गए थे, वंश ने मौके पर दम तोड़ दिया जबकि अरुण को गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।

दिल्ली पुलिस में भर्ती होना चाहते थे दोनों भाई
नीरज के बड़े बेटे कौशल ने बताया कि उसने दोनों छोटे भाई दिल्ली पुलिस में भर्ती होना चाहते थे। इसके लिए दोनों पढ़ाई के अलावा दौड़ भी लगाते थे। पिता नीरज ने बताया कि दोनों बच्चे चाहते थे कि मेहनत करके दिल्ली पुलिस में भर्ती हो जाएंगे तो परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी। पिताजी को मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी, लेकिन होनी को क्या मंजूर है, इसका किसी को पता नहीं था।

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