Ghaziabad : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मेवाड़ इंस्टीट्यूट वसुंधरा में ख्वाजा इफ्तार अहमद द्वारा लिखित पुस्तक द मीटिंग ऑफ माइंड्स का विमोचन किया। कार्यक्रम में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातों पर जोर दिया। मोहन भागवत ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए संगठित होने की आवश्यक्ता है। इसके लिए सभी को एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा कि संघ के प्रति जिन नागरिकों का नजरिया ठीक नहीं है, इसकी संघ को कोई फिक्र नहीं है। संघ को रूप बदल कर नागरिकों के मध्य जाने की जरूरत नहीं है। संघ के कार्यों से सभी का भला होगा। ना इमेज बदलने की कोई कोशिश है और ना आगामी चुनाव में मुस्लिमों के वोट पाने का प्रयास है।
वोट की राजनीति में संघ यकीन नहीं करता : प्रमुख मोहन
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि वोट की राजनीति में संघ यकीन नहीं करता। उन्होंने कहा कि मनुष्यों को जोडऩे का काम राजनीति के बस का नहीं है। राजनीति इस कार्य का औजार नहीं है, बल्कि उसे बिगाडऩे का हथियार है। कार्यक्रम में पुस्तक द मीटिंग ऑफ माइंड्स के लेखक ख्वाजा अहमद ने हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के मन में यह बैठाया गया है कि हिंदू उन्हें खा जाएंगे। किसी अन्य देश में ऐसा होगा जहां बहुसंख्यक किसी अल्पसंख्यक समाज पर हावी है, मगर भारत में जो भी आया वो आज भी मौजूद है।
हिंदू-मुस्लिम दोनों एक ही है : आरएसएस प्रमुख
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश की प्रगति के लिए एकजुटता बेहद जरूरी है। हिंदू-मुस्लिम एकता भ्रामक शब्द है। यह दोनों अलग नहीं हैं, बल्कि एक ही हैं। जब दोनों मानते हैं कि अलग हैं तभी संकट होता है। मोहन भागवत ने कहा कि हम एक हैं और इसका आधार हमारी मातृभूमि है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के सभी नागरिकों का डीएनए समान है। इस आधार पर हम विचार करते हैं तो मन में अपनापन आ जाता है। हिंदुओं और मुसलमानों को डीएनए एक है। लिंचिंग करने वाले हिंदुत्व विरोधी हैं।
देश की एकता को बाधा डालने वाली बातों के खिलाफ हिंदू ही खड़ा : डॉ. भागवत
डॉ. भागवत ने कहा कि सभी नागरिकों को समझदार बनाने के लिए वक्त लगेगा। देश की एकता को बाधा डालने वाली बातों के खिलाफ हिंदू ही खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता सर्वश्रेष्ठ है, जो भारत को अपनी मातृभूमि मानता है वह हिंदू है। गाय को हम अपनी मां मानते हैं। यदि कोई गाय के नाम पर मॉब लिंचिंग करता है तो उसके खिलाफ कानून को अपना काम करना चाहिए। दोषी चाहे किसी भी समाज का हो उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए।