मुस्लिम महिलाएं पेश कर रहीं सौहार्द की मिसाल, बेझिझक तैयार कर रहीं रामलला के अंगवस्त्र

गाजियाबादः मुस्लिम महिलाएं पेश कर रहीं सौहार्द की मिसाल, बेझिझक तैयार कर रहीं रामलला के अंगवस्त्र

मुस्लिम महिलाएं पेश कर रहीं सौहार्द की मिसाल, बेझिझक तैयार कर रहीं रामलला के अंगवस्त्र

Google Image | मुस्लिम महिलाएं तैयार कर रहीं रामलला के अंगवस्त्र

गाजियाबाद का लोनी क्षेत्र पिछले कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में है। यहां एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार का वीडियो खुब वायरल हुआ। देश-दुनिया में इसे सांप्रदायिक रूप दिया गया। लेकिन लोनी क्षेत्र में ही कुछ महिलाएं सामाजिक-धार्मिक समरसता की मिसाल पेश कर रही हैं। यहां संचालित दुर्गा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी मुस्लिम महिलाएं रहीमा, रुखसार और मीना रामलला के लिए अंग वस्त्र तैयार कर रही हैं। उनके तैयार किए हुए कुछ वस्त्र रामलला को धारण कराने के लिए अयोध्या भेजा भी जा चुके हैं। 

लोनी के टीला शाहबाजपुर में कुवरपाली, दुर्गा स्वयं सहायता समूह का संचालन करती हैं। इस संस्था के जरिए करीब दो दर्जन महिलाओं को रोजगार मिला है। यह सभी कपड़ा सिलने काम करती हैं। अच्छी बात यह है कि इसमें धर्म-मजहब आड़े नहीं आता। यहां काम करने वाली रहीमा खातून, रुखसार और मीना मुस्लिम महिलाएं हैं। लेकिन वे बेझिझक अयोध्या में विराजमान रामलला के लिए वस्त्र तैयार कर रही हैं। तीनों महिलाओं के सिले पोशाक प्रभु श्रीराम, मां सीता, लक्ष्मण और हनुमान के लिए भेजे जा चुके हैं। इन महिलाओं ने सिलाई से मिलने वाले पैसे को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान भी किया है। 

बातचीत में उन्होंने बताया कि वह खुद को खुशकिस्मत मानती हैं। उनकी सिलाई की गई पोशाक को रामलला को धारण कराया जाएगा। गाजियाबाद के जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि स्वयं सहायता समूह लगातार बेहतर कर रहे हैं। अयोध्या में श्री रामलला, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के लिए खादी के वस्त्र निर्मित किए जाएंगे। इसकी जिम्मेदारी जिले के स्वयं सहायता समूह को दी गई है। खादी भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। हमें खुशी है कि स्वयं सहायता समूह हर वर्ग की महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं और सामाजिक समरसता पेश कर रहे हैं।

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