हाईटेक हो रहे किसान,  एनसीआरटीसी सीखा रहा आधुनिक खेती का तरीका

Ghaziabad News : हाईटेक हो रहे किसान, एनसीआरटीसी सीखा रहा आधुनिक खेती का तरीका

हाईटेक हो रहे किसान,  एनसीआरटीसी सीखा रहा आधुनिक खेती का तरीका

Tricity Today | हाईटेक हो रहे किसान

Ghaziabad News : एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद और मेरठ जिलों में किसानों की क्षमता विकसित कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने एवं आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की एक टीम ने किसानों को आधुनिक कृषि के नए तौर तरीके सिखाए। एनसीआरटीसी की ओर से आयोजित कार्यक्रम किसानों के लिए आधुनिक कृषि तकनीक में कौशल विकास और प्रशिक्षण प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह है पूरा मामला
किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के  दूसरे चरण  में अब तक मेरठ के अंजौली, सोहरका, कायस्थ गांवड़ी, मुजक्कीपुर शोपुरा और डिंडला गांवों में किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा आधुनिक कृषि तकनीकों में कौशल विकास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महिला किसान भी बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रही हैं। 

50 गांवों के किसानों को फायदा 
इस प्रशिक्षण सत्र में आगामी तीन महीनों में मेहरौली, मोहिउद्दीनपुर, कलिंजरी, दिरमोली, जुर्रांपुर, सोलाना, पवनपुरी, वसुंधरा, बांदीपुर, शाहजहांपुर, किलोंदा, निवाड़ी, पतला, भजन-पटौला और मोदी बाग समेत 50 से अधिक गांवों के लगभग 1500 से अधिक किसानों के लिए एक शृंखला में 100 से ज्यादा प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जायेंगे।  जिनके माध्यम से इन सभी किसानों को कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ मिलेगा। 

अब तक 1500 को ट्रेनिंग 
ये सभी संबन्धित गांव दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के नजदीक स्थित हैं। उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम के पहले चरण में गाजियाबाद और मेरठ जिले के भूडबराल, कादराबाद, नंगला मूसा, सारा और सिकरी खुर्द समेत 50 से अधिक गांवों के 1500 से ज्यादा किसानों को आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

हाइड्रोपोनिक्स तकनीक आधारित खेती
एनसीआरटीसी किसानों को आधुनिक कृषि के नए तरीके सिखाने के लिए दुहाई डिपो में मॉडर्न फ़ार्मिंग डेमोंस्ट्रेशन सेंटर भी स्थापित कर रहा है। जिनमें हाइड्रोपोनिक्स तकनीक पर आधारित खेती की जानकारी प्रदान की जाएगी। इस नयी तकनीक की जानकारी किसानों से साझा करने का मकसद क्वालिटी ऑफ प्रोड्यूस को बेहतर करना तो है ही, सरकार की नीति के अंतर्गत किसानों की आय को बेहतर करना भी शामिल है। तेजी से हो रहे शहरी विकास के साथ, खेती के लिए उपलब्ध भूमि धीरे-धीरे कम होती जा रही है और ऐसा होने से बदली हुई जनसांख्यिकी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक उत्पादन करने का दबाव भी बढ़ रहा है। इसलिए, एनसीआरटीसी ने इस बदलते परिदृश्य और इस क्षेत्र के किसानों की आवश्यकताओं को समझकर, उन्हें आधुनिक, उच्च उपज वाली शहरी कृषि तकनीकों में प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया, जो प्रति यूनिट भूमि पर उच्च रिटर्न दे सकती है। वर्तमान में किसान आमतौर पर पारंपरिक खेती के तरीके अपनाते हैं, जिससे प्रति इकाई क्षेत्र में कम आमदनी होती है। 

जैविक खेती
पॉलीहाउस खेती, ड्रिप सिंचाई खेती, वापस लेने योग्य ग्रीनहाउस खेती, हाइड्रोपोनिक्स इत्यादि जैसी नए जमाने की कृषि पद्धतियां पर्यावरण और सामाजिक रूप से टिकाऊ होने के  साथ साथ शहरी फ़ार्मिंग तकनीक हैं । इसके अलावा, पारंपरिक कृषि तकनीकों के विपरीत, इन्हें  कम पानी की जरूरत पड़ती है। ये मौसम की स्थिति पर बहुत अधिक निर्भर नहीं हैं, जो फसलों पर प्रतिकूल मौसम के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रोद्योगिकी संचालित इन कृषि पद्धतियों में कम लोगों की जरूरत पड़ती है और इस तरह महिला सशक्तिकरण में भी सहायक है। क्षेत्र में पोषक तत्वों से भरपूर और जैविक उपज की बढ़ती मांग किसानों के लिए अपनी गुणवत्तापूर्ण उपज बेचकर अपनी आजीविका में सुधार करने का अवसर पैदा करती है। एनसीआरटीसी का लक्ष्य इस कार्यक्रम के माध्यम से कॉरिडोर में रहने वाले परिवारों को इन नवीन कृषि समाधानों के बारे में शिक्षित और कुशल बनाना है।

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