Ghaziabad News : एक दिन की अंतरित जमानत के बाद मंगलवार को पूर्व विधायक असलम चौधरी नियमित जमानत के लिए एमपी एएलए कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के बाद अदालत ने शाम को फैसला सुनाते हुए पूर्व विधायक समेत मामले में तीन आरोपियों को नियमित जमानत दे दी। अदालत का फैसला आते ही पूर्व विधायक समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
डयूटी मजिस्ट्रेट ने दी थी एक दिन की अंतरिम जमानत
बता दें कि सोमवार को कृष्ण जन्माष्टमी के अवकाश के चलते पुलिस ने डयूटी मजिस्ट्रेट आदर्श कुमार की अदालत में पेश किया था। डयूटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने पूर्व विधायक को एक दिन की अंतरिम जमानत दी थी। पूर्व विधायक के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी होने पर रविवार को उन्हें मसूरी थाना पुलिस ने रुड़की से गिरफ्तार किया था। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता अनीस चौधरी ने बताया कि उन्होंने पूर्व विधायक की जमानत मंजूर न किए जाने की पैरवी की थी, लेकिन अदालत ने पूर्व विधायक समेत मामले के दो अन्य आरोपियों को भी नियमित जमानत दे दी है।
रविवार को रुड़की से हुई थी गिरफ्तारी
मसूरी थाना पुलिस ने रविवार को पूर्व विधायक असलम चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था। उनके खिलाफ रंगदारी मांगने के मामले में अदालत में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए अदालत में चल रही थी। असलम चौधरी 2017 में बसपा से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2022 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए और सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के धर्मेश तोमर के सामने पराजित हो गए थे।
2022 में फर्जी एग्रीमेंट पर जमीन कब्जाने का है मामला
आरोप है कि 7 सितंबर 2022 को पूर्व विधायक असलम चौधरी ने अपने साथियों के साथ फर्जी एग्रीमेंट के जरिए करोड़ों की जमीन कब्जाने की कोशिश की थी और आरोप यह भी है कि पूर्व विधायक ने जमीन के मालिक आदिल रजा को कब्जा दिलाने की एवज में दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
पुलिस कमिश्नर ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
3 सितंबर 2023 को पुलिस कमिश्नर, गाजियाबाद ने मामले का स्वतः संज्ञान लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और कोर्ट ने असलम चौधरी और उनके साथियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। जिसके बाद से पुलिस असलम चौधरी की तलाश कर रही थी। रविवार को पुलिस ने रुड़की से असलम चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद सोमवार को डयूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था।
क्या है पूरा मामला
आदिल यामीन उर्फ राजा दीवान ने गाजियाबाद के थाना मसूरी में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें पूर्व विधायक असलम चौधरी उनके पुत्र शाहनवाज सहित लगभग 20 से 25 अज्ञात को नामजद कराया गया था। आदिल यामीन के अनुसार, छह जुलाई, 2022 को पूर्व विधायक पुत्र शाहनवाज कुछ लोगों के साथ उनकी पुश्तैनी जमीन में घुस आए और जमीन कब्जा करने लगे। सूचना पर आदिल यामीन मौके पर पहुंचे और फोन करके पुलिस को बुलाया। पुलिस के आने पर शाहनवाज अपने साथियों सहित वहां से भाग गया। आरोपियों पर आदिल यामीन को जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा था।