Ghaziabad News : गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) मेट्रो की रेड और ब्लू लाइन को जोड़ने की कवायद में जुटा है। जीडीए पूर्व में भी दोनों लाइनों को मिलने का प्रयास कर चुका है, लेकिन बजट के कारण हर बार योजना फेल हो जाती है। इस बार भी जीडीए ने नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद मेट्रो रूट को जोड़ने के लिए डीएमआरसी (DMRC) से डीपीआर तैयार करने को कहा है। लेकिन, डीएमआरसी ने पिछले बकाए का हवाला देते हुए जीडीए को एक बार फिर से निराश कर दिया है।
यह है पूरा मामला
2020 में वैशाली और नोएडा सेक्टर 62 से मोहन नगर तक मेट्रो फेज 3 के लिए दो प्रोजेक्ट की योजना थी। जिसकी कुल लागत 3325.22 करोड रुपए आ रही थी फिर जीडीए ने दो रूट की जगह एक रूट पर आगे बढ़ने का फैसला किया और नोएडा सेक्टर 62 से साहिबाबाद मेट्रो रूट को प्राथमिकता दी। इस रूट की पूर्व में तैयार डीपीआर में कुल बजट लागत 1517 करोड़ रुपए थी, लेकिन अब इस रूट की संशोधित डीपीआर तैयार कराई जा रही है। प्राधिकरण ने डीएमआरसी से संशोधित डीपीआर तैयार करने को कहा है। वहीं डीएमआरसी ने संशोधित डीपीआर तैयार करने के लिए 10 लाख रुपए और पूर्व में मेट्रो प्रोजेक्ट का बकाया करीब 23 लाख रुपए देने का पत्र भेज दिया। प्राधिकरण ने डीएमआरसी को सिर्फ 5.5 लाख रुपए का भुगतान करते हुए संशोधित डीपीआर तैयार करने के बाद बाकी रकम देने का पत्र भेजा है।
डीएमआरसी ने नहीं भेजा कोई जवाब
अभी तक डीएमआरसी की तरफ से इस पत्र का जवाब नहीं दिया गया है कि वह संशोधित डीपीआर तैयार करने में जुटा है या पूरा भुगतान होने के बाद ही संशोधित डीपीआर तैयार करेगा। ऐसे में संशोधित डीपीआर तैयार होने का मामला अभी तक साफ नहीं हो सका है। इस रूट पर अब नई डीपीआर बनने के बाद इसकी लागत भी बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। क्योंकि इस रुट पर अब एक स्टेशन भी बढ़ चुका है। जीडीए पूर्व में इस प्रोजेक्ट को तैयार करने के लिए शासन से 50 प्रतिशत अंशदान की मांग कर चुका है। जीडीए के चीफ इंजीनियर मानवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए 5.5 लाख का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही डीपीआर तैयार करने के लिए डीएमआरसी को पत्र भेजा जा चुका है।