अब उन्हीं का बनेगा असलहा, जिनको सच में होगा जान का खतरा

गाजियाबाद : अब उन्हीं का बनेगा असलहा, जिनको सच में होगा जान का खतरा

अब उन्हीं का बनेगा असलहा, जिनको सच में होगा जान का खतरा

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Ghaziabad : पिस्टल का लाइसेंस सुरक्षा से ज्यादा दिखावे के लिए बनवाया जा रहा हैं। इसी वजह से हर महीने 200 से 250 आवेदन जिला प्रशासन के पास पहुंच रहे हैं। इन समस्याओं को कम करने के लिए अधिकारी आवेदकों से बात करेंगे और इसके साथ ही पुलिस के अलावा गोपनीय रिपोर्ट भी लेंगे। सिर्फ लाइसेंस सुरक्षा उन्हीं लोगों को मिल पाएगी जो जान का खतरा साबित कर पाएंगे, केवल उन्हीं का आवेदन आगे बढ़ाया जाएगा। 

दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही आवेदकों की संख्या 
जिले में लगभग 14700 से ज्यादा लोगों के पास अभी हथियार हैं। आवेदकों की संख्या दिन पर दिन बढ़ते ही जा रही हैं। जान का खतरा बताकर, लगभग  250  लोग हाथियार का लाइसेंस बनवाने अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं। जान पर खतरा बताने वालों में 21 साल के युवा से लेकर 55 से 60 साल के बुजुर्ग शामिल हैं। हथियार के आवेदन की प्रक्रिया अब ऑनलाइन शुरू हो गई हैं, जिसके बाद प्रशासन ने आवेदनों की  प्रक्रिया भी शुरु कर दी हैं।

केवल उनका बढ़ेगा आवेदन जिनको सच में होगा जान का खतरा 
अब उन्हीं लोगों के आवेदन आगे बढ़ेंगे जिन्हें सच में जान का खतरा होगा। इसके लिए प्रशासन के अधिकारी जल्द ही आवेदकों से एक निश्चित समय पर बात करेंगे और दावे से संतुष्ट होने के बाद ही आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे। प्रशासन के अधिकारी पुलिस की रिपोर्ट के साथ-साथ एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार  करेंगे, लेकिन यह रिपोर्ट फाइल पर नहीं लगेगी, इससे यह तय होगा कि हत्यार नागरिक को मिलेगा या नहीं। इस रिपोर्ट के जरिए जान का खतरा होने या ना होने का सही तथ्य पता चलेगा। इस रिपोर्ट में फेल होने पर आवेदक असलहा  मिलने से वंचित हो सकते हैं। 

आवेदन की लिस्ट बढ़ती जा रही 
हथियार रखने के बढ़ते शौक की वजह से आवेदनों की लिस्ट लंबी होती जा रही हैं। जिला प्रशासन के पास लगभग 2500 से ज्यादा ऐसे आवेदन हैं जो अभी खुले भी नहीं हैं और फाइलों में दबे हुए हैं। इनमें ज्यादातर आवेदक वह हैं जो अपनी जान का खतरा बता रहे हैं लेकिन पुलिस और प्रशासन के मुताबिक उन्हें कोई जान का खतरा नहीं हैं। कई आवेदक ऐसे भी है जिन्होंने तीन साल पहले जान का खतरा बताया था लेकिन वह आज भी सुरक्षित हैं और अपना काम रोजाना कर रहे हैं। कई आवेदक जान का खतरा बताकर 10 साल से लाइसेंस बनवाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। 

लगभग 200 से 250 लोग हथियार बनवाने का आवेदन कर रहे 
जिला अधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि हर महीने 200 से 250 लोग हथियार बनवाने का आवेदन कर रहे हैं। इसकी जांच की जा रही हैं, देखा जा रहा हैं कि सच में आवेदक को कोई खतरा हैं या नहीं। पुलिस के अलावा भी इसकी गोपनीय रिर्पोट तैयार की जाएगी। लाइसेंस शौक के लिए बिल्कुल नहीं दिया जाएगा।

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