मल्टीपाइंट बिजली कनेक्शन बना 'जी का जंजाल', हजारों लोगों ने कहा- हमें नहीं चाहिए फायदा

गाजियाबाद की सोसाइटियों में मचा बवाल : मल्टीपाइंट बिजली कनेक्शन बना 'जी का जंजाल', हजारों लोगों ने कहा- हमें नहीं चाहिए फायदा

मल्टीपाइंट बिजली कनेक्शन बना 'जी का जंजाल', हजारों लोगों ने कहा- हमें नहीं चाहिए फायदा

Tricity Today | Ghaziabad

Ghaziabad : मल्टीपाइंट कनेक्शन इस समय 'जी का जंजाल' बना हुआ है। अंदाजा इस बात से लगा सकते हो कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी लगातार सर्वे करके हाउसिंग सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाने के लिए अभियान चला रहे हैं। उसके बावजूद भी लोगों ने मल्टीपाइंट कनेक्शन लगवाने के लिए मना कर दिया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में 55 हाउसिंग सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाने की योजना बिजली विभाग ने तैयार की है, लेकिन जब भी मल्टीपाइंट कनेक्शन की बात आती है तो निवासी हाथ जोड़कर खड़े हो जाते हैं और मना कर देते हैं। निवासियों का कहना है कि चाहे हमें कितने भी फायदे हो, लेकिन हम मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं लेंगे। जिसका कारण यह बताया जा रहा है कि मल्टीपाइंट कनेक्शन लेने के बाद इन हजारों लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।

मल्टीपाइंट कनेक्शन का नियम
बीते शनिवार को गाजियाबाद में स्थित गार्डंनिया ग्लैमर हाउसिंग सोसाइटी में बिजली विभाग की टीम पहुंची। इस हाउसिंग सोसाइटी में फिलहाल सिंगल कनेक्शन है। नियमों के मुताबिक, अगर 51% निवासी मल्टीपाइंट कनेक्शन के लिए सहमति जताते हैं तो सोसाइटी के भीतर मल्टीपाइंट कनेक्शन लग जाता है, लेकिन इस सोसाइटी में कुछ उल्टा ही हो गया। यहां पर 51% से ज्यादा लोगों ने सिंगल प्वाइंट कनेक्शन पर ही बिजली लगी रहने की मांग की और इसको लेकर बिजली विभाग को पत्र भी दे दिया। सोसाइटी के निवासियों ने मल्टीपाइंट कनेक्शन का विरोध किया है।

55 में से 38 सोसायटी वालों ने कहा- हमें नहीं चाहिए मल्टीपाइंट कनेक्शन
वहीं, दूसरी ओर बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मल्टीपाइंट कनेक्शन लगवाना अनिवार्य नहीं है। अगर सोसाइटी में रहने वाले 51% निवासी सहमति जताते हैं। तभी मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाया जाएगा। जिसके बाद काफी हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं लगाने को लेकर पत्र बिजली विभाग के अधिकारियों को भेजा है। मिली जानकारी के अनुसार 55 में से 38 हाउसिंग सोसायटी के निवासियों ने बिजली विभाग को पत्र भेजकर सिंगल प्वाइंट कनेक्शन पर बिजली सप्लाई की मांग रखी है। निवासियों ने कहा है कि उनकी हाउसिंग सोसायटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं लगाया जाए।

गाजियाबाद में एक हाउसिंग सोसाइटी ऐसी भी
गाजियाबाद में स्थित कुछ हाउसिंग सोसायटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जबरदस्ती मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाना चाहते हैं, जो सरासर गलत है। निवासियों ने बताया कि उन्होंने पहले ही मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं लगाने को लेकर पत्र बिजली विभाग को भेजा है। उसके बावजूद भी अधिकारी और कर्मचारी सोसाइटी में आकर मल्टीपाइंट कनेक्शन की बात करते हैं। इस मुद्दे पर पश्चिमांचल विद्युत विवरण निगम के डायरेक्टर एसके कुमार का कहना है कि वसुंधरा में एक सोसाइटी के लोगों ने पहले मल्टीपाइंट कनेक्शन को लेकर सहमति जता दी थी। जिसके बाद हमने पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन अब बाद में इंकार कर नहीं है। ऐसे में हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो गया है, जो बर्बाद हो जाएगा। 

आखिर क्यों हो रहा मल्टीपाइंट कनेक्शन का विरोध
गाजियाबाद की काफी हाउसिंग सोसायटियों के निवासी मल्टीपाइंट कनेक्शन का विरोध कर रहे हैं। जिसके कारण काफी ज्यादा बताए जा रहे हैं। गाजियाबाद के निवासियों का कहना है कि मल्टीपाइंट कनेक्शन लेने के बाद लिफ्ट से लेकर जिम और पब्लिक एरिया में मेंटेनेंस की समस्या बढ़ जाएगी। ऐसे में जिम, क्लब और पब्लिक एरिया में बिजली के लिए पैसा कौन देगा? एक और बड़ी बात यह है कि निवासियों ने बिल्डर को पहले ही बिजली का पैसा दिया हुआ है। अगर सोसाइटी के भीतर मल्टीपाइंट कनेक्शन लगता है तो दोबारा से रिचार्ज करवाना पड़ेगा। क्योंकि मल्टीपाइंट कनेक्शन पोस्टेड है। यानी कि जितना पैसा दोगे, उतनी ही बिजली चलेगी।

मल्टीपाइंट कनेक्शन के फायदे
मिली जानकारी के मुताबिक मल्टीपाइंट कनेक्शन से निवासियों को आर्थिक लाभ मिलता है। बिजली बिल में सीधे तौर पर कम से कम ₹1 का अंतर देखने को मिलता है। वहीं, सामान्य घरेलू कनेक्शन की दर 6.5 रुपए प्रति यूनिट है। सिंगल प्वाइंट कनेक्शन के लिए यूनिट की दर बढ़ जाती है। इसके अलावा सिंगल फिक्स चार्ज की कीमत भी ज्यादा होती है। अगर मल्टीपाइंट कनेक्शन लगाए जाएंगे तो निवासियों को फायदा होगा। विद्युत निगम का कहना है कि अगर किसी सोसाइटी में रहने वाले 51% लोग सहमति जता देते हैं तो मल्टीपाइंट कनेक्शन दे दिया जाता है।

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