गाजियाबाद के मुरादनगर थानांक्षेत्र के उखलारसी श्मशान घाट में रविवार को बड़ी विपदा आ पड़ी। अंतिम संस्कार के दरम्यान श्मशान घाट परिसर में भवन की छत एकाएक भरभरा कर ढह गई। जिसमें 45 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए। हादसे में अब तक 23 लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। अब यहां हुए निर्माण में भारी भ्रष्टाचार की बात सामने आ रही है। निर्माण बेहद घटिया था। मामले में तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
मुरादनगर की दयानंद कॉलोनी के निवासी दयाराम की शनिवार की रात मौत हो गई थी। दयाराम काफी समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को दयाराम का अंतिम संस्कार उखलारसी श्मशान घाट में किया जा रहा था। इस दौरान रिश्तेदार और आस-पड़ोस के नागरिक श्मशान घाट में पहुंचे थे। सभी लोग श्मशान घाट परिसर के भवन में खड़े होकर आत्म शांति पाठ कर रहे थे। इस बीच अचानक एक ओर की जमीन धंस गई। नतीजन दीवार नीचे बैठने से भवन की छत भरभरा कर नीचे आ गिरी। हादसे के समय वहां मौजूद लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिल पाया। अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है और 45 से अधिक लोग मलबे में दबकर घायल हैं।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया करीब 30 नागरिक मलबे के अंदर मिले हैं, जिनको उपचार के लिए एमएमजी अस्पताल भेजा दिया गया है। श्मशान घाट में हुआ हादसे का एक चरण का रेस्क्यू पूरा हो चुका है। मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। एनडीआरएफ डॉग स्क्वायड टीम एक बार फिर मलबे में दबे लोगों के अवशेष तलाशने में जुट गई है। बता दें कि श्मशान घाट में क्षतिग्रस्त लिंटर का निर्माण गत अक्तूबर में ही पूरा हुआ था। प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है। मौके पर जमा भीड़ भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है।
मुरादनगर कस्बे के लोगों का कहना है कि श्मशान घाट में किए गए निर्माण का ठेका नगर पालिका ने 4 फरवरी 2020 को छोड़ा था। यह ठेका अजय त्यागी नाम के कॉन्ट्रैक्टर मिला था। मुरादनगर नगर पालिका में तैनात अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान ने नगर पालिका अध्यक्ष की संस्तुति पर यह टेंडर दिया था। टेंडर का काम 60 दिनों ने पूरा करने का करार था। ठेका जारी होने के कुछ दिन बाद ही कोरोनावायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू हो गया था। लम्बा समय लॉकडाउन में बीत जाने के चलते अब अक्टूबर के महीने में यह निर्माण आनन-फानन में करवाया गया था।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि नगरपालिका में भ्रष्टाचार बुरी तरह व्याप्त है। ठेकों में खुलेआम कमीशन खोरी चलती है। जिसकी वजह से ठेकेदार घटिया निर्माण करते हैं। इस निर्माण में भी बेहद घटिया काम किया गया था। जिसकी वजह से जमीन धंसी और पूरा लेंटर भरभरा कर लोगों के ऊपर आ गिरा। लोग पूरे मामले की गहराई से जांच करने की मांग कर रहे हैं। जिम्मेदार ठेकेदार और अफसरों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की जा रही है। दूसरी ओर इस मामले में जिला प्रशासन के आदेश पर गैर इरादतन हत्या का मामला मुरादनगर थाने में दर्ज किया गया है। जिसमें तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
दूसरी ओर इस हादसे के चलते पूरे मुरादनगर कस्बे में मातम का माहौल है। कस्बे के सारे बाजार बंद हैं। अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। शव परिवारों को सुपुर्द किए जा रहे हैं। कुछ लोगों का देर शाम ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था। कुछ लोगों के अंतिम संस्कार सोमवार की सुबह किए जाएंगे। पूरे कस्बे में मातम का माहौल छाया हुआ है। हर तरफ इसी हादसे की चर्चा हो रही है।