Ghaziabad News : तीन बच्चों की मां करीब पांच साल पहले आलम के संपर्क में आई थी। उससे पहले उसका टीटू से तलाक हो चुका था। उस समय आलम विजयनगर के सम्राट चौक पर कार मकेनिक का काम करता था। बाद में उसने नोएडा में काम करना शुरू कर दिया और विजयनगर सेक्टर-9 में पूजा के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगा। आलम ने छह माह पूर्व पूजा के साथ निकाह करने की बात कही, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
सना और आलम का तलाक चाहती थी पूजा
आलम का पूजा से निकाह के बाद भी सना और अपने बच्चों से लगाव था। इसी बात पर आलम और पूजा के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पूजा चाहती थी कि आलम पहली पत्नी को तलाक दे और सिर्फ उसके साथ रहे, लेकिन आलम ऐसा करने के लिए तैयार नहीं था। जब सना और उसके बच्चों को आलम की जरूरत होती थी तो वह कई-कई दिन तक पूजा से बात नहीं करता था। यही बात पूजा की जिंदगी पर भारी पड़ गई।
19 जुलाई को गंगनहर में फेंका था शव
आलम अपने चार साल के बीमार बेटे को लेकर अस्पताल में था और पूजा ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी। पूजा ने अस्पताल आकर आलम का इलाज करने की बात कहकर ही घर से निकली थी। आलम को लगा कि पूजा अस्पताल में पहुंचकर ड्रामा कर देगी, इसलिए उसने पूजा को अस्पताल पहुंचने से पहले ही कार में बैठा लिया और गंगनहर पटरी पर ले गया। उसके बाद 19 जुलाई को आलम ने पूजा को मारकर गंगनहर में फेंक दिया था।
पुलिस को गुमराह करने का प्रयास
आलम ने पूजा का शव ठिकाने लगाने के बाद खुद ही पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दे दी थी। बाद में 22 जुलाई को पूनम ने अपनी बहन पूजा के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराते हुए आलम पर ही शक जाहिर कर दिया। पुलिस ने इस शक को ही जांच का आधार बनाया और मामले की सच्चाई सामने आ गई।
शव बरामद करना बड़ी चुनौती
पुलिस ने आलम के इकबालिया बयान पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन अब कोर्ट के सामने केस को स्थापित करने के लिए शव बरामद करना भी जरूरी है। बरसात के चलते गंगनहर उफान पर है। आलम को शव फेंके हुए भी छह दिन हो गए हैं। इतने दिनों बाद शव बहकर कहां पहुंच गया होगा, कहा नहीं जा सकता। इन परिस्थितियों के चलते पुलिस के सामने शव बरामद करना बड़ी चुनौती है।