Protest Against Lathicharge In Ghaziabad Lawyers Agitation Continues From Today Onwards People In Black Coats Will Go To Police Station And Get Arrested
गाजियाबाद में लाठीचार्ज का विरोध : वकीलों का आंदोलन जारी, आज थाने जाकर गिरफ्तारी देंगे काले कोट वाले
Ghaziabad News : गाजियाबाद में वकीलों का आंदोलन जारी है। आज एक कदम आगे बढ़ते हुए वकील दोपहर एक बजे मानव श्रंखला बनाते हुए कविनगर थाने पहुंचेंगे और अपनी गिरफ्तारी देंगे। 29 अक्टूबर को जिला जज के कोर्ट रूम में वकीलों और जिला जज के बीच हुई तीखी नोंकझोक के बाद हुए लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ता लगातार आंदोलन कर रहे हैं। कचहरी परिसर में लगातार धरना और पिछले कई दिनों से रोजाना 11 अधिवक्ता क्रमिक अनशन कर रहे हैं।
एफआईआर दर्ज करने के विरोध में जेल भरो
वकील आज से जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे। वकीलों ने पुलिस की ओर से लगातार मुकदमें दर्ज किए जाने के विरोध में गिरफ्तारियां देने का निर्णय लिया है। बता दें कि पुलिस अब तक आधा दर्ज से अधिक मुकदमें वकीलों के खिलाफ दर्ज कर चुकी है। शुक्रवार को 44 वकीलों को नामजद करते हुए 70 - 80 अन्य के खिलाफ सेंट्रल नाजिर की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया। आरोप है कि वकीलों ने न्यायालयों में घुसकर न्यायिक कार्य बाधित किया। एक सरकारी अधिवक्ता के साथ भी दुर्व्यवहार का आरोप लगा। इससे पहले दो मुकदमें कहचरी के सामने सड़क पर प्रदर्शन और दो मुकदमें 29 अक्टूबर को लाठीचार्ज के बाद हुई तोड़फोड़ व आगजनी पर दर्ज किए गए थे।
जेल प्रशासन की बढ़ सकती है परेशानी
सोमवार से अधिवक्ताओं के जेल भरो आंदोलन से जेल प्रशासन तनाव में आ गया है। दरअसल एक महीने से भी अधिक समय से चल रही हड़ताल के कारण वैसे ही जमानतें होने में दिक्कत आ रही है, ऐसे में जेल पर पहले ही बंदियों का दवाब अधिक है। वकीलों के आंदोलन को देखते हुए आगे के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, इस बीच वकीलों के जेल भरो आंदोलन के ऐलान ने जेल प्रशासन की परेशानी में इजाफा कर दिया है।
हड़ताल लंबी होने से वादकारी परेशान
दिवाली के बाद से वकीलों ने कोर्ट में एक दिन भी न्यायिक कार्य नहीं किया है। एक माह से अधिक समय हो गया है। गाजियाबाद में रोजाना सात हजार से अधिक मामलों की सुनवाई होती है। इन सब मामलों में वादकारियों को अब सिर्फ तारीख मिल रही है, ऐसे में वादकारियों का परेशान होना लाजिमी है। कई मामलों की सुनवाई अंतिम चरण में है, ऐसे वादकारियों को ज्यादा परेशानी हो रही है। इसके अलावा सबसे ज्यादा परेशानी जमानत के मामलों में होती है।