Ghaziabad News : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान आज गाजियाबाद पहुंचे। बताया जा रहा है कि वे यहां एकता कौशिक के घर भी गए। लेकिन, इससे पहले वे किसान नेता हरेंद्र चौधरी के निवास पर उनसे मिलने पहुंचे। हाल ही में आजम खान और उनके मिलने वाले लोगों के घरों पर आईटी का छापा पड़ा था। इस दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित कई ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई थी। आईटी रेड के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से वे पत्रकारों से मिले और अपना दर्द बयां किया।
अपने आपको बताया मुर्गी चोर
समाजवादी के बड़े नेता आजम खान आज गाजियाबाद में दोपहर के लगभग 1:30 बजे किसान नेता हरेंद्र चौधरी के घर उनसे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान वहां समाजवादी पार्टी के अन्य नेता भी पहुंचे। हरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह एक सौहार्दपूर्ण भेंट थी। 20 मिनट की मुलाकात करने के बाद वे वहां से निकल गए। लेकिन, जाने से पहले उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। जब उनसे पूछा गया कि आपको इंडिया गठबंधन में क्यों नहीं बुलाया गया? इसके जवाब में सपा नेता आजम खान ने कहा कि 'अब ये तो बहुत बड़े नेताओं की बाते हैं, मेरा तो बहुत छोटा सा स्तर है… मुर्गी चोर हूं और... चोर नहीं हूं... चोर मुर्गी का हूं, बकरी का हूं, भैंस का हूं, लेकिन दफाएं डकैती की लगी हैं।
पत्नी के साथ मिलकर लूटी थी शराब की दुकान
आजम खान ने कहा, 'आपको हैरत होगी कि एक मुकदमा ऐसा है, जब मैं चौथी बार मिनिस्टर था और सिक्योरिटी में था। मेरी पत्नी एसोसिएट प्रोफेसर थीं। हम दोनों ने मिलकर एक शराब की दुकान लूटी थी और 16,900 रुपये उसके गल्ले से लूटा था। आप एक ऐसे व्यक्ति से बात करने आए हैं... यह मेरा सौभाग्य है। एक तरफ तो मैं चोर हूं और दूसरी तरफ मेरे घर पर आईटी की रेड होती है, मेरे घर में, चोर के घर, बकरी चोर के घर, किताब चोर के घर।
बहारें मुझको ढूंढेंगी ना जाने मैं कहां...
उनसे पूछा गया कि आपको समाजवादी पार्टी का कितना सहयोग मिल रहा है? इसके उत्तर में उन्होंने केवल इतनाा कहा, 'हजार प्रतिशत।' इसके अलावा कुछ नहीं कहा और चुप हो गए। इस दौरान एक सवाल यह भी पूछा गया कि क्या गठबंधन के लिए आप प्रचार करेंगे?इस सवाल का शायराना जवाब देते हुए कहा कि 'मेरी खामोशी ही मेरी जुबां होगी।' अंत में उनसे पूछा गया कि क्या आप गठबंधन के लिए 2024 में प्रचार करेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि 'बहारें मुझको ढूंढेंगी ना जाने मैं कहां होऊंगा।' इस दौरान आजम खान का दर्द साफ दिखाई दिया। ऐसा लग रहा था कि वे बहुत कुछ बोलना चाह रहे थे, लेकिन बोल नहीं पा रहे थे। इसके बाद वे अपने साथियों के साथ गाड़ी में बैठकर चले गए।