25 हजार पेड़ लगाकर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की बढ़ेगी सुंदरता, एनएचएआई लेगा जिम्मेदारी 

Ghaziabad News : 25 हजार पेड़ लगाकर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की बढ़ेगी सुंदरता, एनएचएआई लेगा जिम्मेदारी 

25 हजार पेड़ लगाकर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की बढ़ेगी सुंदरता, एनएचएआई लेगा जिम्मेदारी 

Google Image | दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे की बढ़ेगी सुंदरता

Ghaziabad News : दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे (Delhi Meerut Expressway) पर 25 हजार पौधारोपण का कार्य किया जाएगा। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) और वन विभाग के बीच एमओयू साइन हुआ है। पहले चरण में वन विभाग डीएमई गाजियाबाद के क्षेत्र में बायीं और साढ़े 12 हजार पेड़ लगाकर वन क्षेत्र विकसित करेगा। दूसरे क्षेत्र में अगले साल हरियाली बढ़ाई जाएगी।

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर ही होगा काम
एनएचएआई में पहले ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (Eastern Peripheral Expressway) और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर पौधारोपण को लेकर वन विभाग से संपर्क किया था। बैठक में गाजियाबाद के सामाजिक वानिकी के मनीष सिंह और एनएचएआई के प्रोजेक्ट इंजीनियर शामिल थे। एनएचएआई ने पूरा प्रस्ताव मेरठ के वन संरक्षक को भेज दिया था। प्रस्ताव को संशोधित करते हुए अब गाजियाबाद का वन विभाग केवल दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर ही पौधारोपण करेगा। इसका एमओयू साइन होकर मेरठ के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंच गया है।

8 फीट पौधे लगाए जाएंगे
जिला वन अधिकारी मनीष सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि डीएमई पर गाजियाबाद में 20 हेक्टेयर भू क्षेत्र पड़ता है। सड़क के दोनों तरफ धूल-मिट्टी और कंकरीट का जंगल है। पहले चरण में बायीं ओर 8 फीट पौधे लगाए जाएंगे। ताकि वह जिंदा रह सके। एमओयू के मुताबिक सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी एनएचएआई की होगी। जबकि पौधारोपण और रखरखाव का जिम्मा वन विभाग का होगा। एनएचएआई की ओर से एमओयू साइन होकर क्षेत्रीय कार्यालय पहुंच गया है। विभाग की ओर से डीएमई पर पौधारोपण की तैयारी की जा रही है जल्द ही गड्ढे खोदने का काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद पौधे मंगाने का काम शुरू किया जाएगा।

इन पेड़ो को किया जायेगा शामिल 
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर फल और आयुर्वेदिक पेड़ों को लगाया जाएगा। इससे गाजियाबाद की आबोहवा  बदलेगी और हरियाली भी बढ़ेगी। वन विभाग ने शीशम, कछनार, गुलमोहर, इमली, अर्जुन, जामुन, बरगद, पीपल, बागड़, गूलर और सोयाबीन प्रजाति के पेड़ों को शामिल किया है।

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