45 मिनट तक अटकी तीन बच्चों की सांसे, चाबी ढूंढने में लगे रहे गार्ड

गाजियाबाद की नामी सोसाइटी में फंसी लिफ्ट : 45 मिनट तक अटकी तीन बच्चों की सांसे, चाबी ढूंढने में लगे रहे गार्ड

45 मिनट तक अटकी तीन बच्चों की सांसे, चाबी ढूंढने में लगे रहे गार्ड

Tricity Today | 45 मिनट तक लिफ्ट में फंस तीन

Ghaziabad News : गाजियाबाद के वसुंधरा में लिफ्ट खराब होने से तीन बच्चे फंस गए। लिफ्ट को तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया। इस दौरान लगभग 45 मिनट तक बच्चे लिफ्ट में फंसे रहे। एक बच्चे को चोट भी आई है, जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। सोसायटी में रहने वाले लोगों का आरोप है कि बिल्डर ने यहां घटिया गुणवत्ता की लिफ्ट लगाई हैं। जिस कारण यह हादसा हुआ है। सोसाइटी 2020-21 में बनकर तैयार हुई थी। जिसमें लोगों ने रहना शुरु कर दिया है। हालांकि सोसायटी में पहली घटना है लेकिन लोगों का आरोप है कि सोसायटी में घटिया क्वालिटी की लिफ्ट लगाई गई है।   

यह है पूरा मामला
वसुंधरा के द्रोणागिरी अपार्टमेंट में तीन बच्चों के लिफ्ट में फंसने की घटना सामने आई है। सोसाइटी में रहने वाले अर्क शंकर, कोस्तव बंसल और युवराज सिंह खेलने के बाद भूतल से लिफ्ट के द्वारा अपने फ्लैट में जा रहे थे, तभी लिफ्ट चौथे और पांचवें तल के बीच में रुक गई। जिसके बाद बच्चों ने शोर मचाकर सहायता के लिए लोगों को पुकारा। इस दौरान सोसायटी की लाइट चली गई जिससे लिफ्ट में अंधेरा हो गया। बच्चे घबरा गए और रोने लगे। एक व्यक्ति ने जब बच्चों की आवाज सुनी तो उसने अन्य लोगों को मदद के लिए बुलाया और लोहे की रॉड और लकड़ी के फट्टे की मदद से लिफ्ट को तोड़कर बच्चों को रेस्क्यू किया गया। अर्क शंकर के पिता अमित शंकर ने बताया कि लिफ्ट में फंसे सभी बच्चों की आयु 11 से 12 वर्ष के बीच है। तीनों बच्चे लगभग 45 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे। सोसायटी के लोगों की मदद से बच्चों को लिफ्ट से बाहर निकाला गया है। 

घटिया क्वालिटी की लिफ्ट
अमित शंकर ने आरोप लगाया कि सोसाइटी में घटिया गुणवत्ता की लिफ्ट लगी हुई है। जिस कारण यह हादसा हुआ है। उन्होंने लिफ्ट को बदलकर अच्छी गुणवत्ता की वाली लिफ्ट लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सोसायटी के लोग मेंटेनेंस शुल्क देते है जिसके बाद भी लिफ्ट की समय पर मेंटेनेंस नहीं की जाती है। सोसाइटी में रहने वाले लोगों का आरोप है की लिफ्ट में बच्चों के फंस जाने के बाद मेंटेनेंस समिति के सिक्योरिटी गार्ड ने लिफ्ट में फंसे बच्चों को बाहर निकालने में किसी प्रकार की मदद नहीं की। जबकि वे लिफ्ट की चाबी ढूंढते रहे। वहीं, मेंटेनेंस सुपरवाइजर विपिन दीक्षित का कहना है कि मेंटेनेंस नहीं करने का आरोप गलत है। इस तरह का यह पहला मामला है। लिफ्ट का नियमित मेंटेनेंस किया जाता है। मशीन है कभी भी खराब हो सकती है।

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