यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Authority) ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करने और इस प्रथा पर रोक लगाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने केंद्र सरकार के विभागों का फार्मूला लागू कर दिया है। मतलब, प्राधिकरण में भ्रष्टाचार रोकने और ऐसे मामले सामने आने पर कार्यवाही करने के लिए एक उच्च अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। यह अफसर प्राधिकरण में बतौर सतर्कता अधिकारी (Vigilance Officer YEIDA) काम करेगा। दरअसल, अभी यह व्यवस्था भारत सरकार के विभागों में ही है। उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों में इस तरह का पद नहीं होता है। पहली बार राज्य में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है।
यमुना प्राधिकरण ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति करने का फैसला लिया है। प्राधिकरण एक व्हाट्सअप नंबर और ईमेल आईडी भी जारी करेगा, ताकि आम जन उस पर शिकायत कर सके। यमुना प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पहल शुरू की है। यह कदम पहले भी उठाया गया था, लेकिन अब इसे और मजबूत किया जा रहा है।
इसके लिए सतर्कता अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोनिका रानी को सतर्कता अधिकारी बनाने की तैयारी है। सीईओ ने बताया कि इसके लिए एक व्हाट्सअप नंबर और ईमेल आईडी जारी की जाएगी। ताकि पीड़ित लोग इस पर शिकायत कर सकें। पूरे प्राधिकरण दफ्तर में बोर्ड लगवाए जाएंगे। इसमें मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी लिखे जाएंगे। लोग इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।