अभी तक सील नहीं हुई निर्माणाधीन साइट, हजारों मजदूरों की समस्या अफसरों के लिए चुनौती

आम्रपाली ड्रीम वैली हादसा : अभी तक सील नहीं हुई निर्माणाधीन साइट, हजारों मजदूरों की समस्या अफसरों के लिए चुनौती

अभी तक सील नहीं हुई निर्माणाधीन साइट, हजारों मजदूरों की समस्या अफसरों के लिए चुनौती

Tricity Today | आम्रपाली ड्रीम वैली निर्माणाधीन साइट

Greater Noida West : बिसरख थाना क्षेत्र में स्थित आम्रपाली ड्रीम वैली में 4 मजदूरों की मौत के बाद पुलिस कमिश्नर ने साइट को सील करने की आदेश दे दिए थे, लेकिन अभी तक निर्माणाधीन साइट को सील नहीं किया गया। मजदूरों की समस्या अधिकारियों के लिए एक चुनौती बन गई है। इस साइट पर करीब 2000 से ज्यादा मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं। ऐसे में मजदूर अचानक कहां चले जाएं? यह समस्या बरकरार है। कुछ मजदूरों ने साइट को छोड़ दिया है, लेकिन कुछ मजदूर अभी भी वहां पर है। मजदूरों की यह समस्या अब अधिकारियों के लिए चुनौती बन गई है।

अचानक बीवी-बच्चों को लेकर कहां जाएं? 
बताया जा रहा है कि जो मजदूर अकेले रहते थे। वह साइड से चले गए हैं, लेकिन जो मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं, वह अभी भी वहीं पर जमे हुए हैं। आम्रपाली ड्रीम वैली साइट पर करीब 2 हजार मजदूर रहते हैं। जिसमें से लगभग 1000 चले गए हैं। बाकी का जाना आसान नहीं है। क्योंकि ये मजदूर साइट पर काम करने के बाद वहीं पर रहने लगे। दो वक्त का खाना साइट पर बनाते हैं और वहीं पर खाना खाकर सो जाते हैं। अगले दिन साइट पर काम करने लगते हैं। ऐसे ही रोजाना का रूटिंग चलता है, लेकिन अचानक बिल्डिंग को छोड़ने के आदेश मजदूरों को परेशान कर रहे हैं। उनके लिए सबसे बड़ा सवाल है कि अचानक अपनी बीवी-बच्चों को लेकर कहां जाएं? ऐसे में पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि दो-तीन दिन में अधिकारी साइट को खाली करने का समय दे सकते हैं।

मृतकों के परिजनों को मिलेगा 25-25 लाख रुपए का मुआवजा
आपको बता दें कि इस घटना में मरने वाले मजदूरों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा। इसकी घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार ने की है। इनमें से 20-20 लाख रुपए एनबीसीसी देगी और 5-5 लाख रुपए उत्तर प्रदेश सरकार देगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश है कि पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दी जाए। उन्होंने पूरी रिपोर्ट मांगी है। आगामी कुछ दिनों के भीतर पुलिस और जिला प्रशासन को इस हादसे की पूरी रिपोर्ट बनाकर लखनऊ भेजनी होगी।

आगे की जांच अब बादलपुर पुलिस करेगी
इस मामले में बिसरख थाना प्रभारी अनिल राजपूत ने मुकदमा पंजीकृत करवाया। बिसरख थाना प्रभारी अनिल राजपूत की शिकायत के आधार पर एनबीसीसी के 10 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में अनिल राजपूत वादी (शिकायतकर्ता) है। इसलिए बिसरख थाना पुलिस इस मामले में जांच नहीं कर सकती। नियमों के मुताबिक अब आगे की जांच बादलपुर कोतवाली को स्थानांतरित कर दी गई है। बादलपुर थाना प्रभारी के साथ तीन सह-विवेचन भी नियुक्त किए गए हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने जल्द से जल्द इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है।

कैसे और कब हुआ हादसा
आपको बता दें कि आम्रपाली ड्रीम वैली निर्माणधीन सोसाइटी में शुक्रवार की सुबह करीब 8:30 यह हादसा हुआ है। पैसेंजर लिफ्ट में सवार होकर 9 लोग 14वीं मंजिल से नीचे आ रहे थे। आठवीं मंजिल पर अचानक लिफ्ट टूट गई और नीचे जाकर गिरी। इस घटना में लिफ्ट में सवार 4 मजदूरों की मौत मौके पर हो गई। बाकी 5 मजदूरों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में एडमिट करवाया गया। जिसमें से 4 मजूदरों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना में अभी तक कुल 8 मजदूरों की मौत हुई है और एक मजदूर की हालत नाजुक है।

लिफ्ट हादसे में मरने वाले 8 लोगों की पहचान
  1. इस्ताक निवासी बिहार (23 वर्ष)
  2. अरुण निवासी बिहार (40 वर्ष) 
  3. विपोत मंडल बिहार (45 वर्ष)
  4. आरिस खान अमरोहा (22 वर्ष) 
  5. लिफ्ट ऑपरेटर कुलदीप पाल कन्नौज (20 वर्ष)
  6. अरबाज (19 वर्ष)
  7. मोहम्मद अली (18 वर्ष)
  8. मान अली (20 वर्ष)

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