सुपरटेक बिल्डर और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कैंडल मार्च : सुपरटेक बिल्डर और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की

सुपरटेक बिल्डर और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कैंडल मार्च

Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इकोविलेज-वन हाउसिंग सोसाइटी के निवासी पिछले करीब 40 दिनों से धरना दे रहे हैं। सोसाइटी के निवासी सुपरटेक बिल्डर (Supertech Builder) के खिलाफ आंदोलनरत हैं। अपनी मांगों को लेकर लोगों ने रविवार की देर शाम कैंडल मार्च निकाला है। कैंडल मार्च में महिलाएं और बच्चे बड़ी संख्या में शामिल हुए। इन लोगों ने सुपरटेक बिल्डर, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। निवासियों का कहना है कि धरने को करीब 40 दिन होने वाले हैं। अब तक ग्रेटर विकास प्राधिकरण (Greater Noida Authority) ने सुध नहीं ली है। जनप्रतिनिधि भी आंख और कान बंद करके बैठे हुए हैं। इन लोगों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाएंगी, यह बेमियादी धरना जारी रहेगा।

इन मांगों को लेकर धरने पर बैठे निवासी
निवासियों की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। बिल्डर ने फ्लैट तो दे दिए हैं, लेकिन पार्किंग नहीं दी है। अब पार्किंग के लिए करीब 7 लाख रुपए मांग रहा है। इसके अलावा सोसाइटी के भीतर एसटीपी की समस्या है। गंदा पानी सीधे नाले में जाता है, जिसकी वजह से बीमारियां पैदा होती हैं। बेसमेंट और अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या है। सोसाइटी में लगातार आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। पावर बैकअप के लिए बिल्डर 25,000 रुपए और जीएसटी मांग रहा है, जो सरासर गलत है। सोसाइटी में मल्टीपाइंट कनेक्शन नहीं है। काफी टावर अधूरे पड़े हैं और लिफ्ट खराब रहती हैं।

पुलिस और प्रशासन भी बिल्डर के दबाव में काम कर रहा
कैंडल मार्च में शामिल रंजना का कहना है कि सोसाइटी के निवासी अपनी मांगों को लेकर करीब 35 दिनों से धरना दे रहे हैं, लेकिन बिल्डर को सुध नहीं है। सोसाइटी की निवासी पूजा वर्मा का कहना है कि अब तो पुलिस और प्रशासन भी बिल्डर के दबाव में काम कर रहा है। बीते दिनों सुपरटेक इकोविलेज वन के निवासियों को नोटिस जारी किया गया। 

नोटिस को क्या समझा जाए?
कैंडल मार्च में शामिल छवि का कहना है कि सोसायटी के निवासी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। कोई अकेला व्यक्ति भी यह नहीं कह सकता कि हमको परेशान किया गया है। उसके बावजूद भी निवासियों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में पुलिस-प्रशासन है। बीते दिनों पुलिस के द्वारा नोटिस जारी किया गया था, इसको क्या समझा जाए? इसके अलावा कैंडल मार्च में श्वेता, जया और  शिवानी आदि महिलाओं ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया।
 

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