नामी कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियरों ने सड़क पर बैठकर की जूता पॉलिश, जमा पैसा जाएगा डीएम के पास

गौतमबुद्ध नगर : नामी कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियरों ने सड़क पर बैठकर की जूता पॉलिश, जमा पैसा जाएगा डीएम के पास

नामी कंपनियों के चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियरों ने सड़क पर बैठकर की जूता पॉलिश, जमा पैसा जाएगा डीएम के पास

Tricity Today | जूता पॉलिश

Greater Noida West News : नामी और इंटरनेशनल कंपनियों में काम करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट और इंजीनियर रविवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जूता पॉलिश करते हुए नजर आए। एक मूर्ति गोल चक्कर के पास सैकड़ो लोग बैठे हुए दिखाई दिए, जो लोगों के जूते पर पॉलिश कर उनसे पैसे ले रहे हैं। यह सभी लोग नामी कंपनियों में काम करते हैं। कोई इंजीनियर तो कोई मैनेजर है। जूता पॉलिश करने वाले में चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल है। इतने हाईप्रोफाइल होने के बावजूद भी सड़क पर बैठकर जूता पॉलिश करना उनकी मजबूरी बन गया है। अब यह सभी लोग जूता पॉलिश कर इकट्ठा किए हुए पैसे को गौतमबुद्ध नगर के डीएम को देंगे। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

प्राइवेट स्कूलों से परेशान अभिभावक
प्राइवेट स्कूल मनमानी कर रहे हैं। दूसरी तरफ अभिभावकों को महंगाई मार रही है। ऊपर से राज्य सरकार ने स्कूलों को फीस बढ़ाने की इजाजत दे दी है। इस फैसले से अभिभावक खफा हैं। गौतमबुद्ध नगर के लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। अभिभावकों ने सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए धरने-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। रविवार को ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा और एनसीआर अभिभावक एसोसिएशन ने अजीबोगरीब तरीके से धरना दिया हैं।

जमा पैसा डीएम को देंगे
महंगाई के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की भी फीस लगातार बढ़ने से अभिभावक परेशान हैं। स्कूल मैनेजमेंट के द्वारा लगातार फीस वृद्धि से अभिभावक परेशान है। बच्चों को स्कूल तक ले जाने का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज में वृद्धि के कारण और फीस में वृद्धि के कारण एनसीआर पेरेंट्स एसोसिएशन और नेफोमा ने सड़क पर बैठकर लोगों के बूट पॉलिश किए हैं। अब जो भी पैसा जमा हुआ है, उसको सोमवार को डीएम गौतमबुद्ध नगर को देंगे।

महंगाई के साथ स्कूलों की दोहरी मार
अभिभावक मनीष कुमार ने कहा, "स्कूल मैनेजमेंट द्वारा लगातार फीस वृद्धि की जा रही है, जिसकी वजह से सभी अभिभावक काफी परेशान है। बच्चों की पढ़ाई के अलावा ट्रांसपोर्ट का भी किराया काफी महंगा हो गया है। परेशानी इतनी बढ़ गई है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। स्कूल प्रिंसिपल से लगातार अपील की गई कि वह स्कूल की फीस पर रोकथाम लगाएं, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। महंगाई काफी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। महंगाई के साथ-साथ स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की भी फीस लगातार बढ़ रही है।"

"योगी सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए"
अभिभावक शिवपाल सिंह कहा, "स्कूल की बढ़ती फीस के विरोध में हमनें रविवार को अनेक अभिभावकों के साथ एक मूर्ति गोल चक्कर के पास बैठकर जूता पॉलिश की है। हम सभी हाई प्रोफाइल और जॉब करने वाले लोग हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मनमानी हम सभी लोगों पर भारी पड़ रही है। एक तो अभी कोरोनावायरस ठीक से नहीं गया है और स्कूल मनमानी करके फीस वसूल रहा है। यह सरासर गलत है। योगी सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।"

"अभिभावकों के दर्द बर्दाश्त नहीं करेंगे"
एनसीआर पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुखपाल सिंह तूर ने कहा, "स्कूल फीस एक्ट में कई प्रावधान हैं। मसलन, स्कूल के आय-व्यय का लेखा-जोखा सार्वजनिक करना होगा। शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन का ब्यौरा साझा करना चाहिए, लेकिन किसी नामी स्कूल ने ऐसा नहीं किया। जिला प्रशासन ने स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। स्कूलों में निजी प्रकाशन की किताबें, स्टेशनरी, यूनिफार्म और आवेदन पत्र बेचने के नाम पर अभिभावकों को लूटा जा रहा है। स्कूल बसों का किराया बढ़ा दिया गया है। सरकार ने अभिभावकों के दर्द को नजरअंदाज करके फीस बढ़ाने का आदेश दे दिया है। यह असहनीय काम है। इसे हम किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

"स्कूल संचालकों के हौसले बुलंद"
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, "बढ़ती महंगाई में चूल्हा जलाना मुश्किल हो रहा है। ऊपर से स्कूलों की मनमानी ने बच्चों को पढ़ाना मुश्किल कर दिया है। जिले के ज्यादातर स्कूल स्कूल उत्तर प्रदेश फीस रेगुलेशन एक्ट को दरकिनार करके ट्यूशन फीस में वृद्धि कर चुके हैं। कोरोनाकाल के दौरान स्कूलों ने फीस बढ़ाई हैं। जबकि सरकार ने फीस बढ़ाने पर पाबंदी लगाई थी। अब सरकार के फैसले के बाद निजी स्कूल संचालकों के हौसले बुलंद हो गए हैं।"

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